Sunday 25 October 2015

मजेदार गणित

मजेदार गणित के सूत्र आइये कुछ गणित के मजेदार सूत्रों को जानते हैं...... (1) 1 x 8 + 1 = 9 12 x 8 + 2 = 98 123 x 8 + 3 = 987 1234 x 8 + 4 = 9876 12345 x 8 + 5 = 98765 123456 x 8 + 6 = 987654 1234567 x 8 + 7 = 9876543 12345678 x 8 + 8 = 98765432 123456789 x 8 + 9 = 987654321




(2) 1 x 9 + 2 = 11 12 x 9 + 3 = 111 123 x 9 + 4 = 1111 1234 x 9 + 5 = 11111 12345 x 9 + 6 = 111111 123456 x 9 + 7 = 1111111 1234567 x 9 + 8 = 11111111 12345678 x 9 + 9 = 111111111 123456789 x 9 + 10 = 1111111111


(3) 9 x 9 + 7 = 88 98 x 9 + 6 = 888 987 x 9 + 5 = 8888 9876 x 9 + 4 = 88888 98765 x 9 + 3 = 888888 987654 x 9 + 2 = 8888888 9876543 x 9 + 1 = 88888888 98765432 x 9 + 0 = 888888888



(4) 1 x 1 = 1 11 x 11 = 121 111 x 111 = 12321 1111 x 1111 = 1234321 11111 x 11111 = 123454321 111111 x 111111 = 12345654321 1111111 x 1111111 = 1234567654321 11111111 x 11111111 = 123456787654321 111111111 x 111111111 = 12345678987654321



(5) 12345679 x 9 = 111111111 12345679 x 18 = 222222222 12345679 x 27 = 333333333 12345679 x 36 = 444444444 12345679 x 45 = 555555555 12345679 x 54 = 666666666 12345679 x 63 = 777777777 12345679 x 72 = 888888888 12345679 x 81 = 999999999


(6) 9 x 9 = 81 99 x 99 = 9801 999 x 999 = 998001 9999 x 9999 = 99980001 99999 x 99999 = 9999800001 999999 x 999999 = 999998000001 9999999 x 9999999 = 99999980000001 99999999 x 99999999 = 9999999800000001 999999999 x 999999999 = 999999998000000001 ……………………………….



. (7) 6 x 7 = 42 66 x 67 = 4422 666 x 667 = 444222 6666 x 6667 = 44442222 66666 x 66667 = 4444422222 666666 x 666667 = 444444222222 6666666 x 6666667 = 44444442222222 66666666 x 66666667 = 4444444422222222 666666666 x 666666667 = 444444444222222222

क्या आप जानते हैं-3

नया पेन देने पर 97% लोग अपना खुद का नाम लिखते हैं।
एक सामान्य मनुष्य की आँखें 200 अंश की चौड़ाई तक देख सकती हैं।
पका हुआ तरबूज कच्चे तरबूज की अपेक्षा खोखला होता है।
लगभग छः माह की उम्र होने तक रोने पर भी बच्चों की आँख से आँसू नहीं निकलते।
अपेक्षाकृत गरम पानी से सिंचाई किए जाने वाले पौधे ठण्डे पानी से सिंचाई किए जाने वाले पौधों की अपेक्षा तेजी से बढ़ते हैं।
एक घण्टे तक हेडफोन लगाए रहने पर कान के अंदर बैक्टीरिया 700 गुना बढ़ जाते हैं।
उम्र बढ़ने के साथ मनुष्य के कान और नाक के आकार में वृद्धि होती है किन्तु आँखें जन्म से मृत्यु तक एक ही आकार की रहती हैं।
उँगलियों के निशान जैसे ही प्रत्येक व्यक्ति के जीभ के निशान भी अलग-अलग होते हैं।
स्वीडन में एक ऐसा होटल है जो पूर्णतया बर्फ का बना है, प्रतिवर्ष इसका पुनर्निर्माण किया जाता है।
उँगलियाँ तोड़ने पर जो आवाज सुनाई देती है वह वास्तव में नाइट्रोजन बबल्स के बर्स्ट होने की आवाज होती है।

क्या आप जानते हैं- 2

संयुक्त राष्ट्र की छ: आधिकारिक भाषाएँहै- इंग्लिस, फरेंच, अरबी, चीनी, रूसी और स्पेनिश. 4. एक Charles osborne नाम के व्यकित को 69 साल की उम्र तक हिच्चकी लगी रही थी. 5. सर्दी में हमारे नाखुन गर्मीयों की अपेक्षा ज्यादा बढ़ते हैं. 6. Leonardo-da-vinci ने कैंची की खोज की थी. 7. Las Vegas के जुआं अड्डो में clock नही होते. 8. गिनी सुअर और खरगोश को पसीना नही आता. 9. स्लोथ्स को अपना भोजन पचाने के लिए दो हफते लगतें हैं. 10. लोग अकसर सुर्तमुर्गो को गंभीरता से नही लेते मगर शुर्तमुर्ग घोडों से तेज चल सकते है और नर सुर्तमुर्ग शेर की तरह गरज सकतें हैं. *. पैटरोल के बाद, कोफी ऐसी वस्तु है जो सबसे ज्यादा खरीदी-बेची जाती है. *. सबसे आम गाया जाने वाला गाना Happy birthday है. *. हर साल 13 लोग वैंडिंग मशीन के उपयोग करने पर मारे जाते है. सिक्का डालने पर ग्राहको को माल बेच देने वाली मशीन को ही वैंडिंग मशीन कहते है. *. रोम शहर को हर महाद्वीप में रोम ही कहा जाता है. *. आईसलैंड में पालतु कुत्ता रखना कानुन के विरूद्ध है. *. Righted-handed लोग औसतन left- handed लोगों से 9 साल ज्यादा जीते हैं. *. वर्तमान युग की 7 अरब आबादी सदी के अंत तक 20 अरब तक पहुँच जायगी. 1. भारतीय मसालों के लोकप्रिय निर्माता और निर्यातक प्रतिष्ठान M.D.H का पूरा नाम महाशियाँ दी हट्टी है। 2. जलेबी भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान के साथ-साथ लगभग सभी अरब देशों में भी खूब शौक से खाई जाती है। 3. मंगलकारक स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। 'सु' का अर्थ है अच्छा, 'अस' का 'सत्ता' या 'अस्तित्व' और 'क' का करने वाला। 4. Yahoo.com का नाम पहले "जेरीज गॉइड टू वर्ल्ड वाइड वेब" था अप्रैल 1998 में इसे बदल कर Yahoo.com कर दिया गया। 5. सबसे पहली घड़ी 1904 ईसवी में बनाई गई थी. 6. लॉस वेगास मानव द्वारा बनाया गया ऐसा स्थान है जो अंतरिक्ष से सबसे ज्यादा चमकीला दिखता है. 7. 'कराटे' का मतलब है 'खाली हाथ'. 8. बिजली गिरने से जो लोग मारे जाते है उन्में से 80 प्रतीशत पुरूष होते है. 9. अफरीका में शेरों से ज्यादा लोग, मगरमच्छो द्वारा मारे जाते है. 10. किसी झंड़े के pole के ऊपर जो गेंद लगी होती है उसे 'truck' कहते है. 1. संसार के 90 प्रतीशत ज्वालामुखी समुंदरो में है. 2. हर साल दो मिनट ऐसे होते हैं जिन्में 61 सैकेंड होते हैं. 3. एक भारी वस्तु को समुंदर की 10 किलोमीटर गहराई तक जाने के लिए 1 घंटा लगेगा. 4. 2012 तक You-tube पर सबसे ज्यादा देखी जाने जानी वाली वीडियो 'justin Biebar Baby ft. Ludccric' थी जिसमें Likes से ज्यादा Dislikes थे. 5. विश्व में सुरक्षा पर किया जाने वाला कुल खर्च जहाँ 400 अरब अमरीकी डालर से अधिक है वहीं शिक्षा पर 100 अरब डालर से कम। 6. क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया कि 1 से लेकर 99 के स्पेलिंग में a, b, c और d चारों नहीं होते हैं। 1 से लेकर 999 की स्पेलिंग में a, b और c का प्रयोग एक -बार भी नहीं होता है। 1 से लेकर 999, 999, 999 तक की "स्पेलिंग में b और c एक बार - भी नहीं आते है। आपको यह -जानकर और भी हैरानी होगी कि यदि हम पूरी गिनती की स्पेलिंग लिखे तब भी पूरी गिनती में कहीं भी c का प्रयोग नहीं होगा। 1. नोकिया नाम एक स्थान के नाम द्वारा चुना गया है जो कि दक्षिणी फिनलैंड में है. 2. दुनिया में शिर्फ 13 Blimps(एक प्रकार का छोटा जहाज) हैं और उन्में से 9 तो अमरीका में ही है. 3. किसी भी हवाई जहाज का ताजमहल (तेजो महालय) के ऊपर से जाना गैरकानुनी है. 4. एक जैम्बो जैट की टंकी में जितना पैटरोल पड़ता है उतना पैटरोल कारों द्वारा धरती का 4 बार चक्कर लगाने के लिए काफी है. 5. जब से ओलंपिक शुरु हुआ है तब से शिर्फ ऑस्ट्रेलीया एक ऐसा देश है जिसने हर ओलंपिक में भाग लिया है. 1. Donald duck की comics Finland में बैन कर दी गई थी क्योंकि उसने कोई पैंट नहीँ पहनी थी. 2. अमेरिका की एक चर्च Nebraska में डकार मारना या फिर छीँकना कानून के विरूद्ध है. 3. अगर आप एक पूरी celery(शाक) खाना शुरू करते है तों जितनी कैलोरी इससे मिलेगी उससे ज्यादा कैलौरी इसे खाने में खप्त हो जाएगी. 4. Barbie doll का पूरा नाम Barbara Millicent Roberts है. 5. टेलीफोन के आविषकारक Alexander Graham Bell ने कभी भी अपनी माँ और पत्नी को नही मिलाया क्योँकि वह दोनो बहरी थी. 6. सारे महाद्वपों के नाम अंग्रेजी के जिस अक्षर से शुरू होते है उससे ही खतम होते है. खुद ही देख लीजिए - Asia,Africa,Australia,America, (North और South को छोड़ के ) Euroupe. 7. अगर चाँकलेट में Theobromine(एक प्रकार की ऐलकली) मिलाकर कुत्ते को खिला दिया जाए तो वह मर जाएगा. क्योँकि यह मिश्रण उनके दिल और नाडी मंण्डल पर प्रभाव डालता है. 8. अगर आप गीली रेत पर लेट जाए और अपनी टांगे धीरे-धीरे से ऊपर उठाए ते आप रेत में धसेगे नही. 9. मटर के दाने बारूद बनाने के लिए उपयोग किए जाते है. 10. ज्यादातर विज्ञापनो में घड़ी पर 10 बज कर 10 मिनट का समय दिखाया जाया जाता है. 1. चीन की दिवार मानव द्वारा बनाई गई सबसे बड़ी चीज है जोकि अंतरिक्ष से भी दिखती है. इसकी लंम्बाई 8,848 किलोमीटर है. 2. दुनिया का हर पाँचवा मनुष्य चीनी है. 3. टोयलेट पेपर की खोज 1300 ईसवी में चीन मे हुई थी. पर यह सिर्फ राज घराने के लोगो के लिए होता था. 4. चीन में कागज, कंपास(दिशासूचक) , बारूद और छापेखाने की खोज हुई. 5. चीनीयों नें 3000 साल पहले पतंग की खोज की . वह पतंग की प्रयोग युद्ध में दुश्मन को डराने के लिए भी करते थे और मनोरंजन के लिए भी. 6. चीन के पक्ष्चिम से पूर्व के इतने विस्थार के बावजूद भी इमसें भी भारत की तरह एक ही समय खंड़ है. चीन में +5:00 है और भारत का +5:30 . 7. कई इतिहासकार यह मानते है कि फूटबाल की खोज 1000 ईसवी पूर्व में चीन में ही हुई थी. 8. चीन में ज्यादातर लोगो का पसंदीदा शौक टिकटे इक्ट्टठी करना है. 9. 103 ईसवी में जेंह हीग नामक खगोलशास्त्री और विद्वान ने एक ऐसे यंत्र की खोज की जो भुकंपों को माप सकता था. 10. चीन के लोगो ने ही आईसक्रीम और न्युडलज जैसे पकवानो की खोज की थी. * 4 फरवरी 2004 को फेसबुक का जन्म हावर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ था. * अक्टूबर 2012 में फेसबुक के 100 करोड़ यूजर थे. * दिसंबर 2013 में फेसबुक के 6,337 कर्मचारी थे. * 1.23 अरब लोग हर महीने कम से कम एक बार फेसबुक यूज करते हैं. * हर दिन 75 करोड़ 70 लाख लोग फेसबुक यूज करते हैं. * फेसबुक का बाजार मूल्य 135 अरब डॉलर है. * 81 फीसदी फेसबुक यूजर अमेरिका-कनाडा से बाहर के हैं. * 18 मई 2012 को फेसबुक का आईपीओ आया. * जैन धर्म और बौद्ध धर्म की स्थापना भारत में क्रमश: 600 बी सी और 500 बी सी में हुई थी। * इस्लाम भारत का और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। * भारत में 3,00,000 मस्जिदें हैं जो किसी अन्य देश से अधिक हैं, यहां तक कि मुस्लिम देशों से भी अधिक। * भारत में सबसे पुराना यूरोपियन चर्च और सिनागोग कोचीन शहर में है। इनका निर्माण क्रमश: 1503 और 1568 में किया गया था। * ज्यू और ईसाई व्यक्ति भारत में क्रमश: 200 बी सी और 52 ए डी से निवास करते हैं। * विश्व में सबसे बड़ा धार्मिक भवन अंगकोरवाट, हिन्दु मंदिर है जो कम्बोडिया में 11वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था। 1.एक समुद्री केकडे का दिल उसके सिर में होता है. 2.गोरिल्ला एक दिन मे ज्यादा से ज्यादा 14 घंटे सोते है. 3.हर साल लोग साँपों के ज्यादा मधु मक्खियों द्वारा काटे जाने से मारे जाते है. 4.कुछ कीड़े भोजन ना मिलने पर खुद को ही खा जाते हैं. 5.कुछ शेर दिन में 50 बार सहवास करते है. 6.तितलियाँ किसी वस्तु का स्वाद अपने पैरों से चखती है. 7.1386 ईसवी में फ्रांस में लोगो द्वारा एक सुअर को एक बच्चे के क़त्ल के दोष में फाँसी पर लटका दिया गया था. 8.मानव गर्भनिरोधक गोलियां गोरिल्ला पर भी काम करती है. 9.एक गिलहरी की उम्र 9 साल तक होती है. 10.क्या आप जानते है छिपकली का दिल 1 मिनट में 1000 बार धड़कता है. 1. आप 300 हड़डियों के साथ जन्म लेते है., पर 18 साल तक होतो-होते आप की हड़डियाँ जुड़ कर 206 रह जाती हैं. 2. एक औसतन ईन्सान दिन में 10 बार हसता है. 3. छीकते समय आँखे खुली रख पाना नामुनकिन है और छीकते समय दिल की गती एक मिली सेंकेड के लिए रुक जाती है. 4. ”Rhythm”(लय) vowel के बिना इंग्लिस का सबसे बड़ा शब्द है. 5. ’TYPEWRITER’ सबसे लंम्बा शब्द है जो कि keyboard पर एक ही लाइन पर टाइप होता है. 6. ’Uncopyrightabl e’ एकलौता 15 अक्षरो वाला शब्द है जिसमे कोई भी अक्षर दुबारा नही आता. 7. ’Forty’ एकलौती संख्या है जिसके अक्षर alphabetical order के अनुसार जबकि ‘one” के alphabetical order से उलट हैं. 8. इंग्लिस के शब्द ‘therein’ से सात सार्थक शब्द निकाले जा सकते है - the,there,he,in ,rein (लगाम),her,here ,ere (शीघ्र),therein ,और herein(इसमे). 9. Albert Einstein के अनुसार हम रात को आकाश में लाखों तारे देखते है उस जगह नही होते ब्लकि कही और होते है. हमें तों उनके द्वारा छोडा गया कई लाख प्रकाश साल पहले का प्रकाश होता है. 10. ज्यादातर विज्ञापनो में घड़ी पर 10 बजकर 10 मिनट का समय दिखाया जाया जाता है. 1. पुरूषों की shirts के बटन Right side पर जबकि औरतो left side के पर होते हैं. 2. लगभग 100 चमगादड़ मिल के एक साल में 25 गाय का खून पी जाते हैं. 3. 100 की उम्र के पार पहुँचने वालो में से 5 में से 4 औरते होती हैं. 4. जिन लोगो कि शरीर पर तिलों की संख्या ज्यादा होती है वह औसतन कम तिल वाले लोगो से ज्यादा जीते हैं. 5. कुत्ते और बिल्लीयाँ भी मनुष्य की तरह left या right-handed होते है. 6. इतिहास में सबसे छोटा युद्ध 1896 में England और Zanzibar के बीच हुआ. जिसमें Zanzibar ने 38 मिन्ट बाद ही सरेंडर कर दिया था. 7. फेसबुक पर 10 या उससे अधिक likes वाले 4 करोड़ 20 लाख पेज है। 8. फेसबुक के 43 प्रतिशत users पुरुष है वहीं 57 फीसदी महिलाएं। 1. Abraham Lincoln जब Depression(अवसा द) से गुजर रहे थे तो वह चाकू-छूरों से दूर रहते थे, उन्हें डर था कि वह खुद को मार न ले. 2. लोग सबसे ज्यादा तेज फैसले तब लेते है जब वह वीडियो गेम खेल रहे होते हैं. 3. हर साल दो मिनट ऐसे होते है जिन्में 61 सैकेंड होते हैं. 4. आम तौर पे classes में पढ़ाया जाता है कि प्रकाश की गति 3 लाख किलोमीटर/ सैकेंड होती है पर असल में यह गति 2,99,792 होती है. 5. हर सैकेंड 100 बार आसमानी बिजली धरती पर गिरती है. * अपनी गुफा से निकलते समय, चमगादड़ हमेशा बाई तरफ ही मुड़ते है । * कॉकरोच सर कटने के बाद भी कही सप्ताह तक जिंदा रह सकता है, दरअसल वो सर कटने से नहीं बल्कि भूख से मर जाता है । * गधे के आंख की स्तिथि कुछ ऐसी होती है, की वो अपने चारो पैरो को एक साथ देख सकता है । * लॉस वेगास के जुवाघरो में घडिया नहीं होती । * कही अनहोनी न हो जाये, इसी वजह से प्रिन्स चार्ल्स और प्रिन्स विलियम एक साथ एक ही हवाई जहाज से यात्रा नहीं करते । * जिराफ की जीभ इतनी लम्बी होती है की वो अपने कान तक उससे साफ़ कर सकता है । 1. गैंडे के सख्त चमडी पर साधारण गोली का असर नही होता है 2. च्युइंगम चबाते चबाते प्याज काटने से आँखों से आँसू नहीं आते हैँ । 3. रूस मे मास्को एक ऐसा शहर है जिसके आधे हिस्से मे रात तो आधे मे दिन होता है 4. टार-टर्वा नामक जानवर को तीन आँखें होती है 5. कोबरा नामक वृक्ष के पास इंसान के जाते ही उसके डाल उसे जकड लेती है और तब तक नही छोडते जब तक वो प्राण ना त्याग दे यह दक्षिण अफ्रीका मे पाया जाता है 6. मैंड्रीक नामक वृक्ष को काटने पर बच्चों के रोने की आवाज आती है । 1. दरियाई घोड़ा एक इंसान से तेज भाग सकता है। 2. 24 कैरेट का सोना शुद्ध सोना नहीं होता है, इसमें कॉपर की कुछ मात्रा शामिल होती है। 3. इंसान के शरीर में कुल 206 हड्डियां होती हैं ‍जिनमें से लगभग आधी हड्डियां हाथ-पैर में होती हैं। 4. 300 साल पहले इसहाक न्यूटन ने ‍गति के नियमों की खोज की। 5. Almost अंग्रेजी का सबसे लंबा शब्द है जिसमें सारे अक्षर अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में हैं। 6. तीन चतुर बंदरों के नाम हैं- मिजारु (बुरा मत देखो) मिकाजारु (बुरा मत सुनो) मजारु (बुरा मत बोलो) * फ्रांस ऐसा देश है जहां मच्छर नहीं हैं। * घरेलू मक्खी से करीब 30 बीमारियां हो सकती हैं। * दुनिया भर में कुल 5000 भाषाएं एवं बोलियां बोली जाती हैं। * एक वर्ष में मनुष्य करीब 5 हजार 479 बार हंसता है। * एक औसत व्यक्ति का वजन 1 लाख 44 हजार डाक टिकटों के वजन के बराबर होता है। * 'सिंग नाइट चूं' (चीन) शहर में 5 सूर्य दिखते हैं। * नार्वे देश में सूरज आधी रात में चमकता है। * हाथी के नवजात शिशु का वजन 100 से 120 किलोग्राम होता है। * नीली व्हेल की सीटी की आवाज सभी जानवरों में सबसे तेज होती है। * घोंघा तीन साल तक सो सकता है। 1. ऊल्लु केवल एकलौते पक्षी है जो कि केवल नीला रंग देखते है. 2. एक Giraffe अपनी 21 इंच लंम्बी जीभ से अपने कान साफ कर सकता है. 3. एक Oskich की आँख उसके दिमाग से बड़ी होती है. 4. एक काकरोच अपने सिर कटने पर भी 9 दिनों तक जिन्दा रह सकता है उसके बाद भूख के कारण उसकी मौत हो जाएगी. 5. कुछ शेर दिन में 50 बार सहवास करते है. 6. तितलियाँ किसी वस्तु का स्वाद अपने पैरों से चखती है. 7. ध्रुवी भालु left-handed होते है. 8. मानव और डालफिन अकेली ऐसी प्रजातीआँ हैं जो कि काम आनंद के लिए करती है. 9. एक बिल्ली का पेशाब काली रोशनी के नीचे चमकता है. 10. एक पिस्सु अपनी लंम्बाई के 350 गुना अधिक ऊँचाई तक कूद सकता है. यह एक मनुष्य के फूटबाल के मैदान जितनी ऊँचाई तक कूदने के बराबर है. 1. सेब लगभग 7,000 प्रकार के होते है. 2. अवोकेडो नाशपती से किसी भी और फल के मुकाबले ज्यादा कैलोरी मिलती है. 3. यदि आप अंगुरो को माइक्रोवेव में रखते है तो यह फट जाएगें. 4. स्ट्रॉबेरी भी एक किस्म के केले ही हैं. 5. सेब पानी में तैरने लगते है क्योंकि उनमें 25 प्रतीशत हवा होती है. 6. टमाटर एक सब्जी नही ब्लिक एक फल है. 7.एक औसत स्ट्रॉबेरी में लगभग 200 बीज होते है. 8. गहरे गरे रंग वाली सब्जीयों में विटामिन C की मात्रा हल्के गरे रंग वाली सब्जीयों से ज्यादा होती है. 9. केला वास्तविकता में एक फल नही है, यह एक जड़ी बूटी है. 10. क्योंकि केले पचाने में आसान और ज्यादा पौष्टिक है इसलिए छोटे बच्चों को सबसे पहले यही फल खिलाए जाते है.

क्या आप जानते हैं

क्या आप जानते हैं
1. शुतरमुर्ग बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली होते है औरअ पनी एक किक से यह एक शेर को भी घायल कर सकते है.
2. एक बत्तख ठंडे पानी में तैरते समय भी ठंड महशूस नही करती क्योंकि उस के पैरों में रक्त और तंत्र वाहिकाएँ होती ही नही.
3. कुछ बत्तखें एक दिन में 532 किलोमीटर तक लगातार उड़ सकती हैं.
4. एकलौता पक्षी जो पीछे की तरफ भी उड़ सकता है वह है हमिंगवर्ड.
5. उल्लु अपनी ऑखे इधर-उधर नही घुमा सकते.
6. तोते बहुत तरह के शब्द सही बोल लेते है. मगर तोते केवल वही शब्द सीखते है जो इन्हें सिखाए जाते है जा फिर यह नकल करते है. जंगली तोते नकल नही कर सकते. सिर्फ पालतु तोते ही नकल कर सकते है.अफरीका के भूरे तोते सबसे ज्यादा नकलची होते है.
7. जितने भी तोते घर में पिंजरे के अंदर रखनेके लिए पकड़े जाते है उन में से 90 प्रतीशत अमरीका को भेजे जाते है.
8. एक अनुमान के अनुसार सन 2000 में लगभग 63 लाख घरों में 6 करोड़ पालतु
9. तोतो के सिर बड़े जबकि गर्दने छोटी होती है.
10. तोते चॉक्लोट को खा नही सकते क्योंकि यह उनके शरीर के लिए जहरीली होती हैं.
11. कंगारूओ की लगभग 50 प्रजातीयाँ आस्ट्रेलीया समेत पूरे संसार में पाई जाती है
. 12. लगभग 90 प्रतीशत मादा शेर शिकार करती है.
13. 12 जा इस से ज्यादा गायों का समूह flink कहलाता है.
14. आप एक घोड़े के दाँत गिन कर उसका लिंग (नर या मादा) बता सकते है. ज्यादातर नरों के 40 दाँत होते है और मादा के 36 दाँत होते है
. 15. एक कॉकरोच का अगर सिर काट दिया जाए तब भी यह कई हफतो तक जिन्दा रह सकता है.
16. एक नव जन्मा कंगारू लगभग 1 इंच ही लंम्बा होता है.
17. हर साल लोग साँपों से ज्यादा मधुमक्खियों से मारे जाते है.
18. अगर एक गधे की आँख उसके सिर पर लगा दी जाए तो वह हमेशा के लिए अपने चारों पैर नही देख सकेगा.
19. कुछ कीड़े भोजन ना मिलने पर खुद को ही खा जाते हैं.
20. डालफिन समुद्री मछली सोते समय अपनी एक आँख खुली रखती है.
21. एक मगरमच्छ अपनी जीभ बाहर नही निकाल सकता.
22. एक समुद्री केकडे का दिल उसके सिर में होता है.
23. शुतरमुर्गो पर 80 साल के सर्वे के दौरान कोई भी ऐसा केस नही पाया गया जब एक शुतरमुर्ग ने अपना सिर रेत में न दफनाया हो.
24. शारीरिक तौर पर सुअरों के लिए आकाश की तरफ देखना असंम्भव है.
25. एक गर्भवती Gold fish को Tuit कहा जाता है.
26. घोडे और चुहे और जीवों की तरह उल्टी नही करते.
27. चुहों की गिणती बहुत तेजी से बढती है । एक जोडा मिल के एक साल में लाखों संन्ताने पैदा कर सकते है.
28. मगरमच्छ न तो अपनी जुबान हिला सकते हैं और न ही कुछ चबा सकते है।इसका पाचक रस बहुत ही ताकतवर होता है और यह एक लोहे की कील भी हजम कर सकता है.
29. औसतन एक कुत्ते की आँखो की रोशनी मनुष्य से अच्छी होती है पर उतनी रंगदार नही.
30 गोरिल्ला एक दिन मे ज्यादा से ज्यादा 14 घंटे सोते है.
31. कुत्ते और बिल्लीयाँ भी मनुष्य की तरह left या right-handed होते है.
32. बिल्लीया लगभग 1,000 तरह की आवाजें निकाल सकती हैं जबकि कुत्ते सिर्फ 10 प्रकार की आवाजे ही निकाल सकते हैं.
33. हर साल लोग अपने पालतु कुत्तों और बिल्लियों की खुराकपर 3 लाख 57 अरब रूपए की राशि खर्च कर देते हैं.
34. बिल्लीयां अपनी पुंछ की लंम्बाई से 7 गुना ज्यादा ऊँचाई तक कूद सकती है.
35. जितनी जनसंख्या इस धरती पर मनुष्यों की है उतनी ही मुर्गो की है.
36. ज्यादातर गांय गाना सुनते समय ज्यादा दुध देती हैं.
37. एक गाय एक मनुष्य से एक दिन में 200 गुना ज्यादा गैस पैदा करती है.
38. डायनासोरो ने खत्म होने से पहलेधरती पर लगभग 16.5 करोड़ साल तक राज किया है.
39. हर साल लोग हवाई हादसों से ज्यादा गधों द्वारा मारे जाते हैं.
40. जिराफ घोड़ो से तेज भाग सकते हैं और ऊट से ज्यादा दिनों तक पानी के बिना रह सकते हैं.
41. ब्राजील दक्षिणी अमरीका का 50 प्रतीशत क्षेत्रफल घेरता है जबकि दक्षिणी अमरीका में 51 देश हैं.
42. Canada एक भारतीय शब्द है जिसका मतलब है 'Big village' मतलब की 'बड़ा गांव'.
43. Costa Rica एक देश है जिसकी सेना की गिणती दुसरे विश्व युद्ध के समय सिर्फ 400 थी।
44. दुनिया में सबसे पुराना झंड़ा Denmark का है. यह 13वी सदी से चला आ रहा है.
45. फिनलैंड में कुल 1,87,888 झीलें हैं जिसके कारण इसे झीलों का देश भी कहते हैं।
46. फिनलैंड सबसे ज्याजा टापुओ वाला देश है.(1,79,550+).
47. जर्मनी का क्षेत्रफल भारत के सबसे बड़ेराज्य राजस्थान से थोड़ा अधिक हैतथा जनसंख्या तीसरे क्रम के राज्य बिहार के बराबर, पर जर्मनी का सकल घरेलू उत्पाद भारत का तीन गुना है।
48. ग्रीक के राष्ट्रगान में 158 छंद है.
49. आईसलैंड के लोग किसी भी और देश के मुकाबले प्रति व्यक्ति अनुसार सबसे ज्यादा किताबें पढ़ते हैं.
50. आइसलैंड के रेस्टॉरेंट्स में टिप देने को अपमान करना माना जाता है.
51. चावल दुनिया की 50 प्रतीशत आबादी का भोजन है.
52. जंगलो में लगी आग नीचे से ज्यादा ऊपर की तरफ तेजी से बढ़ती है.
53. धरती पे हर साल 10 लाख भुचाल आते हैं.
54. बादल रात की अपेक्षा दिन को ज्यादा ऊपर उड़ते हैं.
56. दुनिया में सबसे साधारण बिमारी 'दातों की सड़न' है.
57. चीतों के धारीदार पट्टी की चमड़ी होती है.धारीदार बाल नही.
58.चीतों की रफतार 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है.
59. मादा मक्डीया सहवास के बाद अपने नर साथी को खा जाती हैं
. 60. दो अलग-अलग मक्डियो के जाले कभी भी एक जैसे नही हो सकते.
61. टैरनटला मकड़ी ढ़ाई साल तक बिना खाने के रह सकती है.
62, नकदी कागज की नही बनती है, यह Cotten की बनती है.
63. विश्व में अभी भी 30 प्रतीशत लोग ऐसे है जिन्होंने कभी मोबाइल का प्रयोग नही किया.
64. औसतन हर दिन 12 नव जन्में बच्चे किसी ओर मां-बाप को दें दिए जाते हैं.
65. Leonardo-da-Vinci एक ही समय में एक हाथ से लिख और दूसरे से पेंट कर सकते थे.
66. जब आप chewing gum चबा रहे होतेहै, अगर तब आप प्याज कांटे तों आप की आँखों से आंसु नही निकलेगें.
67. Coca-Cola का रंग हरा होगा ,अगर उस में रंग देने वाला पदार्थ न मिलाया जाए.
68. एक औसतन लैड की पेंसिल से अगर एक लाइन खींची जाए तो वह35 किलोमीटर लंम्बी होगी जिससे 50,000 अंग्रेजी शब्द लिखें जा सकते है.

Saturday 24 October 2015

आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाय

आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये l बचपन की उन शरारतों को फिर से हम दोहरायेll अपनी सारी चिन्ताओ को दूर कही छोड़ आये l आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll भिनी-भिनी मिट्टी की खुश्बू चखने को है बुलाती l डंडा लेकर दौड़ती माँ हमे याद बहुत है आती ll फिर से चूल्ले की रोटी और लोनी घी खाये l आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll आज के विडियो गेम वो मजा ना दे पाये l गिल्ली डंडा, खो-खो खेल खूब मजे आये ll गाँव के पोखर में जाकर मजे से डुबकी लगाये l आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll भारी-भारी इन बेगो को कंधे ना अब उठाये l फिर से एक बार तख्ती ले स्कूल हम जाये ll बैल गाड़ी की सवारी कर, धुएं से बच जाये l आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll बारिश के आने पर आँगन में फिर हम नहाये l कागज़ की हम नांव बनाकर हम खूब चलाये ll छत पर चढ़कर मोर का हम नाच देख आये l आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll मदारी के इशारे पर बंदर का नाच नाचना l वहीं भालू मामा का भी खूब फुदकते जाना ll फिर से अपने गाँव में सर्कस का शो चल जाये l आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll ठंडी-ठंडी कुल्फी वाला जब भी घंटी बजाये l सफ़ेद नीले रंग वाला बक्सा खूब याद आये ll कुल्फी का मजा लिए बिना कोई ना रह पाये l आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll अंधकार के बड़ते ही छत पर सोने जाये l सोच-सोच कर गगन में तारो से फोटो बनाये ll माँ की प्यारी गोद में लोरी सुनकर सो जाये l आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll उस दुनिया में चिंता ना, कभी किसी सो सताये l ईर्ष्या और बैर कभी ना पास किसी के आये ll बहार से चाबी लगा के हम वहीं  जाये  आओ चलो एक बार फिर बचपन में खो जाये ll

घूमते घूमते याद आ गए मुझे बचपन के वो पल

घूमते घूमते याद आ गए मुझे बचपन के वो पल। आज की ही मस्ती होती थी,न चिंता थी खुदा जाने क्या होगा कल।। रोते थे तो सर पे होता था माँ का साया । बचपन में सब के लाडले होते थे,भले ही बड़े होने पर पैसो ने बना दिया उनको पराया।। ना वक़्त की कमी थी;ना थी खाने की चिंता। अगर अच्छे संस्कार ना होते तो अभी इतना सूंदर भविष्य बनता।। सुबह की वो भागा दौड़ी , जब माँ हमें छोड़ आती आंगनबाड़ी। रोते थे वापस आके सोने के लिए मिलती माँ की फूलो से भरी आँचल वाली प्यारी से साड़ी।। याद आते है बचपन की वो पल जब खेला करते थे सबके साथ लुका छिपी। लूडो खेलते अपनी चाल के साथ की वो थोड़ी बईमानी।। बचपन की वो आज़ादी ,वापस अगर आ जाए तो कुर्बान कर दू उसपे सारी ज़िंदगानी।। याद आते है वो तलाब में नहाना । रात को किसी के भी घर पे खाना ।। याद आते है... मौसी की प्यारी सी फटकार। नानी की ढेर सारी दुलार।। मामा की गुस्सों का डर। चाचा को जो होती हमारी फिकर।। याद आ गया बचपन का वो यार । मस्ती से भरा बचपन का पिटारा।। अपनों का सहारा । बचपन की सारी मस्तियाँ।

कुछ बची है तो वो है बस बचपन की यादें ..........

याद आती है वो पुरानी घटनाएँ , दोस्तों का साथ अब तो कोई आमने सामने कम ही मिलते है अब तो फेस टु फेस कम और फेसबुक पर ही मिल जाया करते है जाने अनजाने कुछ चेहरे , भूले बिसरे कुछ दोस्त वक्त के साथ सब बदलता है ....... शहर तो आज भी वही है लेकिन वो स्कूल ,वो कॉलेज वो टीचर नहीं रहे वो माहौल नहीं रहा ,सब कुछ बदल गया कुछ बची है तो वो है बस बचपन की यादें ..................

Friday 23 October 2015

BHARAT KE 3O AJOOBE भारत के 30 अजूबे

भारत के 30 अजूबे,
भारत एक नहीं वरन कई मामलों में अद्भुत देश है। यहां कई ऐसे अजूबे हैं, जिनके बारे सुनकर व्यक्ति दांतों तले अंगुली दबा लेता है। ये सभी अजूबे देश के अलग अलग हिस्सों में मौजूद हैं। यह जानकारी सोनाली मूसाहारी की रिपोर्ट पर आधारित है। आइए जानते हैं इन 30 अजूबों के बारे में 1. हवा में ऊपर उठने वाला पत्थर : महाराष्ट्र में पुणे के पास एक छोटा सा गांव शिवापुर है, जहां पर हजरत कमर अली दरवेश का स्थान है। कहते हैं कि वर्तमान स्थल पर 800 वर्ष पूर्व एक व्यायाम शाला थी। कमर अली नाम के सूफी संत का वहां कुछ पहलवानों ने मजाक उड़ाया। संत ने बॉडी बिल्डिंग के लिए रखे पत्थरों पर अपना मंत्र फूंक दिया। यहां सत्तर किलो का वजनी पत्थर मात्र 11 अंगुलियों के छोरों के छूने और संत का नाम जोर से लेने भर से हवा में उठ जाता है। आज भी संत कमर अली का नाम लेने भर से पत्थर चमत्कारी ढंग से उठ जाता है। 2. काले जादू का देश, मायोंग (असम) : मायोंग पर आज भी रहस्य का आवरण रहता है और इसे काले जादू की भूमि के नाम से जाना जाता है। पबित्रा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी के पास स्थित यह गांव गुआहाटी शहर से 40 किमी दूर है। माना जाता है कि मायोंग का नाम संस्कृत शब्द माया या भ्रम से लिया गया है। कहा जाता है कि यहां लोग गायब हो जाते हैं, लोग जानवरों में बदल जाते हैं और जंगली जानवरों को पालतू बना लिया जाता है। यहां पर काला जादू और जादू टोना पीढ़ियों से किया जाता रहा है। मायोंग सेंट्रल म्युजियम में आयुर्वेद और काले जादू के बहुत से प्राचीन अवशेष यहां पर मौजूद हैं। 3. कंकालों की झील, रूपकुंड झील, चमोली (उत्तराखंड) : हिमालय के पहाड़ों में 16500 फुट की ऊंचाई पर निर्जन हिस्से में रूपकुंड झील है। यह झील बर्फ से ढंकी और चट्टानों में बिखरे ग्लेशियरों से भरी हुई है। इसे कंकाल झील या रहस्यमय झील के नाम से ज्यादा जाना जाता है और इस झील का सबसे बड़ा आकर्षण 600 से ज्यादा कंकाल हैं जो कि इस झील से पाए गए थे। यह नौवीं सदी से है और जब बर्फ पिघलती है तो इसका तल स्पष्ट दिखाई देता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि बाहरी लोगों की आवाजाही से स्थानीय देवता लातू नाराज हो गए और उन्होंने इस रास्ते में भयानक बर्फीला तूफान भेज दिया था जिससे इन लोगों की मौत हो गई थी। 4. जातिंगा, असम में पक्षियों की सामूहिक आत्महत्या : असम के बोराइल पहाडियों में बसा सुरम्य गांव जातिंगा प्रत्येक मानसून में एक विचित्र दृश्य का साक्षी बनता है। सितम्बर और अक्टूबर के मध्य यहां पर घनी और धुंधवाली रातों में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी पक्षी पूरी गति से पेड़ों या इमारतों से टकराकर मर जाते हैं। इस सामूहिक आत्महत्या की घटना पर सबसे पहले साठ के दशक में प्रसिद्ध प्रकृतिवादी ईपीजी ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन अभी तक इसका रहस्य नहीं सुलझा है। 5. जुड़वां बच्चों के नगर, कोदिन्ही (केरल) और ऊमरी (इलाहाबाद) : केरल के मल्लपुरम जिले में एक छोटा सा कस्बा कोदिन्ही है, जिसने सारी दुनिया के वैज्ञानिकों को आश्चर्य में डाल दिया है। इसकी दो हजार की आबादी में से एक जैसे जुड़वां बच्चों की 350 जोडि़यां हैं। इसे ट्विन टाउन भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर प्रत्येक एक हजार जन्मों पर छह जोड़ियां जुड़वां बच्चों की होती हैं। कोदिन्ही के प्रत्येक परिवार में एक से ज्यादा जुड़वां बच्चों की जोडि़यां हैं। इलाहाबाद के पास मुहम्मदपुर उमरी की भी यही कहानी है। गांव की कुल 900 लोगों की जनसंख्या में 60 से ज्यादा जुड़वां बच्चों की जोडि़यां हैं। उमरी का जुड़वां बच्चों की दर राष्ट्रीय औसत की तुलना में 300 गुना ज्यादा है और शायद यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका कारण जीन्स हो सकते हैं, लेकिन बहुतों के लिए यह ईश्वरीय चमत्कार से कम नहीं है। 6. लद्दाख का चुम्बकीय पहाड़ : अगर आप लेह के लिए जाते हैं तो आपको रास्ते में चुम्बकीय ताकत वाला पहाड़ मिलेगा जो कि समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर है। समझा जाता है कि इस पहाड़ में चुम्बकीय ताकत है जो कि लोहे की चीजों को अपनी ओर खींचता है। जब कारों का इग्नीशन बंद कर दिया जाता है तब भी कारें इसकी ओर खिंची चली आती हैं। यह एक वास्तविक रोमांचक अनुभव है। इसे दुनिया की ग्रेविटी हिल्स में गिना जाता है। 7. चरस के लिए कुख्यात मैलाना, हिमाचल प्रदेश : कुल्लू घाटी के उत्तर पूर्व में स्थि‍त मैलाना को ‘भारत का एक छोटा यूनान’ भी माना जाता है क्योंकि यहां के स्थानीय निवासियों का मानना है कि वे सिकंदर महान के वंशज हैं। यह प्राचीन गांव सारी दुनिया से कटा हुआ है और गांव वालों की अपनी एक राजनीतिक व्यवस्था है। इस गांव में केवल एक सौ घर हैं लेकिन इसे सबसे ज्यादा प्रभावकारी चरस के लिए जाना जाता है। 8. एशिया का सबसे साफ गांव, माविलीनोंग, मेघालय : चेरापूंजी के माविलीनोंग गांव को ‘ईश्वर का अपना बगीचा’ कहा जाता है। इसे एशिया का सबसे ज्यादा साफ गांव होने के अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। पर्यावरण आधारित पर्यटन को उन्नत बनाने का यह प्रयास है। आश्चर्यजनक बात है कि इस गांव में साक्षरता की दर सौ फीसदी है और ज्यादातर गांववाले धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं। इस गांव में सुंदर झरने हैं और इसके अलावा इसे लिविंग रूट्सल ब्रिज और एक बैलेंसिंग रॉक के कारण जाना जाता है। 9. बिना दरवाजों का गांव, शनि शिंगणापुर, महाराष्ट्र : यह गांव पूरे देश में शनि मंदिर के लिए जाना जाता है। यह अहमदनगर से 35 किमी दूर है। इस गांव में कभी कोई अपराध नहीं हुआ और इसे शनिदेव का आशीर्वाद माना जाता है। गांव के लोगों को अपने देवता पर भरोसा है और उन्होंने गांव की रक्षा को उनके भरोसे छोड़ रखा है। इस कारण से गांव के घरों और कारोबारी इमारतों में न तो दरवाजे और न ही कोई डोर फ्रेम होता है। गांव की शून्य अपराध दर को ध्यान में रखते हुए यूको बैंक ने इस गांव में ‘लॉक-लेस’ शाखा खोली है। यह भारत में अपने किस्म की पहली शाखा है। 10. चूहों का मंदिर, कर्णी माता ‍मंदिर, राजस्थान : बीकानेर से करीब 30 किमी दूर एक छोटे से कस्बे को देशनोक कहा जाता है, जहां पर कर्णी माता का मंदिर है। इस मंदिर में बीस हजार से ज्यादा चूहे हैं और इन्हें ‘कब्बास’ कहा जाता है। मंदिर में इनकी पूजा की जाती है क्योंकि माना जाता है कि वे करणी माता के ‍परिजन हैं, जिन्होंने चूहों के रूप में जन्म लिया है। सफेद चूहों को और भी आदर दिया जाता है क्योंकि माना जाता है कि उन्हें कर्णी माता और उनके बेटों का अवतार माना जाता है। 11. सांपों की भूमि, शेतपाल, महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के शोलापुर जिले का शेतपाल गांव सांपों की पूजा के लिए जाना जाता है। इस गांव में एक प्रथा है, ‍जिसे डरावनी समझा जा सकता है क्योंकि इस गांव के प्रत्येक घर में छतों की शहतीरों में कोबरा सांपों ‍के लिए रहने का स्थान बनाया जाता है। हालांकि यहां प्रत्येक घर में सांप मुक्त रूप से घूमते हैं, लेकिन सांप के काटने का कोई मामला सामने नहीं आया है। 12. मुर्दों के साथ भोजन, न्यू लकी रेस्टोरेंट, अहमदाबाद : यहां पर कुछ ऐसा है जो कि एक ही समय पर अस्वस्थकर और आश्चर्यजनक है। न्यू लकी रेस्टोरेंट का वातावरण कुछ अलग है क्योंकि यह कॉफी हाउस एक सदियों पुराने मुस्लिम कब्रिस्तान में बना है। टेबलों के बीच ही कब्रें हैं और कहा जाता है कि ये सोलहवीं सदी के एक सूफी संत और उनके भक्तों की हैं। इस रेस्टोरेंट में हमेशा ही लोगों की चहलपहल रहती है और इसके मालिक का कहना है कि कब्रें उनका भाग्यशाली शुभंकर हैं। 13. भारत का सबसे ऊंचा और दु:खद झरना, नोकालीकाई झरना, मेघालय : चेरापूंजी के पास यह भारत का सबसे ऊंचा उपर से गिरने वाला झरना है जो कि 1115 फीट की ऊंचाई से गिरता है। बरसात के पानी से बनने वाले इस झरने का नामकरण एक महिला ‘का लीकाई’ की दुखद कहानी पर आधारित है। अपने पति की मौत के बाद का लीकाई ने दोबारा विवाह किया, लेकिन उसका दूसरा पति उसकी सौतेली बेटी के प्रति मां के प्यार को लेकर बहुत ही ईर्ष्यालु था। उसने बेटी की हत्या कर दी और उसके अंगों का भोजन बना दिया। का लीकाई ने अपनी बेटी को हर जगह खोजा लेकिन उसे पा नहीं सकी। वह थक कर चूर अपने घर पहुंचती है और उसका पति उसको भोजन देता है। खाने के बाद वह यह देखकर भयभीत हो जाती है कि उसकी बेटी की अंगुलियां सुपारी से भरी टोकरी में पड़ी हैं। दुख और शोक से भरी मां झरने से गिरकर अपनी जान दे देती है। इस तरह इस झरने का नाम ‘का लिकाई का झरना’ हो गया। 14. झूलता खम्बा, लेपाक्षी, आंध्रप्रदेश : यह छोटा सा गांव बहुत से प्राचीन अवशेषों और वास्तु शिल्प के आश्चर्यों का घर है। इनमें से एक है लेपाक्षी मंदिर का झूलता हुआ खम्बा। मंदिर के सत्तर खम्बों में से एक बिना किसी सहारे के लटकता है। आगंतुक इस खम्बे के नीचे से बहुत सारी वस्तुओं को डालकर तय करते हैं कि इस खम्बे को लेकर किए जा रहे दावे सच हैं या नहीं। जबकि स्थानीय नागरिकों का कहना है कि खम्बे के नीचे से विभिन्न वस्तुओं को निकालने से लोगों के जीवन में सम्पन्नता आती है। 15. दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप, माजुली, असम : ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित माजुली विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है और इन्सानों और भगवान की रचनाओं को मिलाने का समारोह है। इस द्वीप की सुंदरता स्वर्ग जैसी है। यह एक लोकप्रिय सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केन्द्र है जोकि श्रीमंत शंकरदेव के विचारों को प्रसारित करता है। 16. शाश्वत ज्योति, ज्वाला जी मंदिर, कांगड़ा : देवी से आशीर्वाद पाने के लिए सालभर लोग कांगड़ा के ज्याला जी मंदिर में आते हैं। मंदिर के ठीक बीच में एक खोखले पत्थर में एक लौ है जोकि सैकड़ों वर्षों से जल रही है। पौराणिक कहानियों के अनुसार भगवान शिव की पत्नी सती ने तब दुख में अपने आप को भस्म कर लिया था जब उनके पिता ने शिव का ‍अपमान किया था। कहते हैं कि जली हुई लाश को लेकर शिव ने तांडव किया था और उनके ऐसा करने के दौरान सती का शरीर 51 हिस्सों में बंटकर पृथ्वी पर गिर गया था। इनमें से प्रत्येक स्थान हिंदुओं के लिए एक तीर्थ बन गया। कांगड़ा की ज्वाला जी को सती की जीभ के तौर पर माना जाता है। 17. संघा तेनजिंग की प्राकृतिक ममी, गुए गांव, स्पीति : अगर आप सोचते हैं कि ममीज केवल मिस्र में ही पाई जाती हैं तो आप गलत हैं। हिमाचल प्रदेश के स्पी‍ति जिले के गुए गांव में तिब्बत के एक बौद्ध भिक्षु संघा तेनजिंग की ममी रखी हुई है जो‍ कि पांच सौ वर्ष पुरानी है। यह ममी बैठी हुई अवस्था में है और इसकी त्वचा और बाल पूरी तरह सुरक्षित हैं। संभवत: ऐसा इसलिए है कि भिक्षु ने खुद को जीवित रहते हुए ही ममी बनाने का काम किया होगा। रासायनिक लेपों के जरिए शरीर को सुरक्षित बनाने की तुलना में प्राकृतिक तौर पर ममी बनाने की प्रक्रिया बहुत ही जटिल और अत्यधिक दुर्लभ है। इस ममी का पता 1975 में एक भूकम्प के बाद लगा था और तब से इसे गुए के मंदिर में दर्शनार्थ रखा गया है। 18. विश्व का सबसे ऊंचा चाय बागान, मोलुक्कुमालाई, तमिलनाडु : मुन्नार से करीब डेढ़ घंटे की ड्राइव पर स्थित मोलुक्कुमालाई चाय बागान समुद्र तल की ऊंचाई से आठ हजार फीट ऊंचाई पर है। यह तमिलनाडु के मैदानी इलाकों में पाए जाने वाला सबसे ऊंचा है जो कि चारों ओर से ऊंची-नीची पहाडि़यों से घिरा है। यहां यह तय करना मुश्किल है कि कौन अधिक सुंदर है- प्राकृतिक दृश्य या यहां पर पैदा होने वाली सुगंधित चाय। ओम बना मंदिर 19. मोटरसाइकल देवता- बुलेट बाबा मंदिर, राजस्थान : अगर दुनिया में ऐसा कोई स्थान है जहां आप एक मोटरसाइकिल को शराब की बोतलें और फूलों को चढ़ाए जाने का रिवाज देखते हैं तो यह भारत में ही संभव है। पाली जिले के चोटीला निवासी ओमसिंह राठौड़ की उस समय मौत हो गई थी जब वे नशे की हालत में मोटरसाइकिल चला रहे थे और उनका वाहन एक पेड़ से जा टकराया था। पुलिस ने बाइक को अपने कब्जे में ले लिया और इसे थाने ले आई। लेकिन अगले दिन बाइक फिर से दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई। पुलिस कर्मी फिर से इसे थाने ले आए, इसका फ्यूल टैंक खाली कर दिया और इसे चेन से बांध दिया। लेकिन अगले दिन बाइक फिर घटनास्थल पर मौजूद थी। इसके बाद मोटरसाइकल को स्थायी रूप से उस स्थान पर रख दिया गया। और इस स्थान को ओम बाबा या बुलेट बाबा का नाम दे दिया गया। यहां एक मंदिर भी बना दिया गया। प्रत्येक दिन यहां बड़ी संख्या में लोग प्रार्थना के लिए आते हैं। समझा जाता है कि ओम बाबा की आत्मा यात्रियों की रक्षा करती है। 20. विश्व की सबसे बड़ी विशालकाय प्रतिमा, गोम्मटेश्वर प्रतिमा : गोम्मटेश्वर या बाहुबली की श्रवणबेलगोला में साठ फीट ऊंची प्रतिमा है। यह ग्रेनाइट की एक चट्टान को काटकर बनाई गई है। यह प्रतिमा इतनी बड़ी है कि यह 30 किमी की दूरी से देखी जा सकती है। पौराणिक कहानियों के अनुसार गोम्मटेश्वर एक जैन संत थे और उन्होंने अपने जीवन काल के आधे समय में ही जीवन मरण के चक्र से मुक्ति पा ली थी। प्रतिमा को सबसे पहले गंग राजवंश के एक मंत्री चामुंडाराय ने 978 और 994 सदियों के बीच बनवाया था। यह दुनिया भर के जैन धर्म को मानने वालों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। इस विशाल प्रतिमा के पैरों के पास खड़े होकर जब हम अपने आप को देखते हैं तो हमें इस बात का अहसास होता है कि इसकी तुलना में हम कितने बौने हैं। 21. ताज की आधी प्रतिकृति, बीबी का मकबरा, औरंगाबाद : सत्रहवीं सदी के अंत में छोटा ताज अपनी मूल प्रेरणा की तुलना में 30 से भी कम वर्षों में बन गया था। इसे अक्सर ही गरीबों का ताजमहल कहा जाता है। इसका निर्माण कार्य औरंगजेब ने शुरू कराया था और इसे उसके एक बेटे, आजम शाह ने करवाया था। यह सम्राट की पहली पत्नी और आजम की मां की याद में बनवाया गया था। हालांकि यह आगरा के प्रसिद्ध ताजमहल की तुलना में हल्का पड़ता है लेकिन बीबी का मकबरा अपनी आकर्षक सादगी के लिए विख्यात है। 22. लिविंग रूट्स ब्रिज, चेरापूंजी, मेघालय : मेघालय के चेरापूंजी में आदमी ने प्रकृति को अपना मित्र बना लिया है और इसकी मदद से अपने लिए नए रास्ते भी बना लिए हैं। दुनिया में लोग पुल बनाते हैं लेकिन मेघालय में लोग पुल उगाते हैं। फिकस इलेस्टिका या रबर ट्री अपने तनों से मजबूत सेकंडरी (द्वितीयक) जड़ें पैदा करता है। यहां इन जड़ों को एक विशेष तरीके से बेटल-नट ट्रंक्स (सुपारी के पेड़ की जड़ों) की मदद से ऐसे पुल बनाए हैं जोकि मजबूत हैं और दशकों तक चलते हैं। इनमें से कुछ पुल सौ फीट से अधिक लम्बे हैं। उमशियांग का डबल डेकर पुल समूची दुनिया में अपनी किस्म का अकेला पुल है। कुछ पुराने रूट पुल तो 500 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। 23. दुनिया का सबसे चौड़ा बरगद, बॉटेनिकल गार्डन, हावड़ा : कोलकाता के पास आचार्य जगदीश चंद्र बोस बॉटेनिकल गार्डन, हावड़ा में प्रकृति का सजीव व ताकतवर गौरव का एक और उदाहरण खड़ा है। यहां 1250 वर्ष पुराना बरगद का पेड़ है जिसका दायरा चार एकड़ के इलाके में फैला हुआ है। इसे दुनिया का सबसे चौड़ा पेड़ माना जाता है। इस पर बिजली गिरने के बाद यह पेड़ बीमार हो गया था और 1925 में इसके तने को हटाया गया था। यह आज भी अपने मुख्य तने के बिना सजीव है और इसकी 3300 हवाई जड़ें जमीन में प्रवेश कर गई हैं। यह अकेला पेड़ ही एक जंगल की तरह प्रतीत होता है। 24. दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील, लोकताक झील, मणिपुर : भारत के उत्तर पूर्व में सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है जिसे लोकताक झील कहा जाता है। इसके तैरते हुए द्वीपों की श्रंखला के कारण इसे विश्व की एकमात्र तैरती हुई झील भी कहा जाता है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा यह झील मणिपुर की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाती है। इससे पनबिजली बनती है, सिंचाई होती है, पीने योग्य पानी की आपूर्ति होती है और स्थानीय मछुआरों को आजीविका मिलती है। लोकताक झील पर सबसे बड़ा द्वीप कैबुल लामजो नेशनल पार्क है जोकि मणिपुर के ब्रो-एंटलर्ड डीयर या थामिन का अंतिम प्राकृतिक शरणस्थली है। यह राज्य का लुप्तप्राय हिरण है जिसका संरक्षण बहुत अनिवार्य है। 25. कुत्ते का मंदिर, चन्नापाटना, कर्नाटक : रामनगर जिले के चन्नापाटना में एक समुदाय है जिसने श्वान के सम्मान में एक असामान्य मंदिर बनाया है। श्वान देवता का आशीर्वाद पाने के लिए यहां लोग पूजा करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुत्ते को स्वामीभक्त और अच्छे स्वभाव वाला माना जाता है, लेकिन समय-समय पर वह दुर्जेय भी साबित होते हैं। कहा जाता है कि श्वान देवता गांव के देवता के साथ मिलकर अपने काम करते हैं। 26. गुरुत्वाकर्षण रोधी महल, बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ : वास्तुकला का यह नायाब नमूना 18वीं सदी में बनवाया गया था और इसे अवध के नवाब आसफ उद्दौला ने बनवाया था। उन्होंने इसमें यूरोपीय और अरबी ‍वास्तुकला का मिश्रण है। इसका मध्य में बना मेहराबदार हॉल 50 मीटर लम्बा और करीब तीन मंजिलों तक ऊंचा है और बिना किसी बीम या खम्बे की मदद के खड़ा रहता है। इसके मुख्य द्वार को भूलभुलैया के लिए जाना जाता है जोकि 1000 से अधिक सीढ़ियों का रास्ता का है। इमामबाड़ा कॉम्प्लेक्स में हरेभरे बगीचे, एक दर्शनीय मस्जिद और एक बावड़ी है। 27. तैरते पत्थर, रामेश्वरम्, तमिलनाडु : पम्बन द्वीप पर स्थित और पम्बन नहर के द्वारा भारत के मुख्य पर्वतीय भाग से विभाजित रामेश्वरम का छोटा कस्बे का हिंदू पौराणिक कथाओं में बहुत महत्व है। समझा जाता है कि रामजी ने सीताजी को श्रीलंका से छुड़ाने के लिए लंका तक एक पुल का निर्माण किया था। इस पुल को बनाने के लिए जिन पत्थरों का उपयोग किया गया था उन पर राम का नाम लिखा था और ये पत्थर पानी में कभी नहीं डूबे। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि आज भी रामेश्वरम के आसपास ऐसे ‘तैरने वाले पत्थर’ पाए जाते हैं। 28. लाल बारिश, इडुक्की, केरल : अपनी आकर्षक और स्वादिष्ट समुद्रतटीय कड़ी के अलावा, इडुक्की को एक विचित्र तथ्य के लिए जाना जाता है। इसे ‘रेड रेन’ या लाल बारिश कहा जाता है। कहा जाता है कि वर्ष 1818 में सबसे पहले लाल बारिश की घटना को रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद इडुक्की में समय-समय पर इस घटना को देखा गया है। इडुक्की को एक लाल क्षेत्र के तौर पर चिन्हित किया गया है। हिंदुओं के धर्मग्रंथों में लाल बारिश को देवताओं का कोप कहा गया है और देवता अपराधियों को दंड दे रहे हैं। इसका अर्थ मौत और बरबादी भी समझा जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि निर्दोषों की हत्या के कारण लाल बारिश होती है, लेकिन इस मामले पर वैज्ञानिकों ने अपना कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। 29. ग्रामीण ओलिम्पिक्स, किला रायपुर, लुधियाना : प्रति वर्ष की फरवरी में लुधियाना के किला रायपुर गांव में पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को किसानों की शौकिया खेल प्रतियोगिताएं होती हैं। यह आयोजन किले में और इसके आसपास होता है। ये ग्रामीण ओलिम्पिक्स एक परोपकारी सज्जन इंदरसिंह ग्रेवाल के दिमाग की उपज थे। उन्होंने इनके आयोजन के बारे में वर्ष 1933 में विचार किया था। इन प्रतियोगिताओं के दौरान बैलों की दौड़, टेंट पेगिंग, गतका, ऊंटों, खच्चरों और कुत्तों की दौड़ होती हैं। इस अवसर पर पंजाबी लोकगीतों और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और ये खेल अपने आप में एक वास्तव में आनंदित करने वाला अनुभव होता है। 30. वीजा देवता का मंदिर, बालाजी मंदिर, चिल्कुर, हैदराबाद : कुछ देवता आपको समृद्धि् देते हैं, कुछ रक्षा करते हैं लेकिन चिल्कुर में बालाजी मंदिर के देवता आपको अमेरिका का वीजा दिलाने की सामर्थ्य रखते हैं। यह मंदिर हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित है। इसे वीजा बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। डॉलरों का सपना देखने वाले बहुत से लोग, जोकि किसी भी धर्म और जाति के हो सकते हैं, अपने वीजा इंटरव्यू से पहले मंदिर में आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। यहां आने वाले लोगों को अगर वीजा मिल जाता है तो उन्हें अपनी प्रतिज्ञा पूरी करनी होती है और मंदिर के अंदर के हिस्से की 108 बार परिक्रमा करनी पड़ती है। आप भले इस बात पर हंस सकते हैं, लेकिन यह पुरानी दुनिया में नई मान्यताओं का एक प्रशंसनीय उदाहरण है। भारत में सारी अद्भु्त और आश्चर्यजनक चीजें देखने के लिए शायद एक जिंदगी कम पड़ जाए इसलिए संभव है कि इसी कारण से हम भारतीय पुनर्जन्म में भी विश्वास करते हैं

Wednesday 21 October 2015

hindi joks

एक सयानी सास ने नई-नई आई बहू से पूछा – “बहू, मान लो अगर तुम पलंग पर बैठी हो और मैं भी उस पर आकर बैठ जाऊं तो तुम क्या करोगी ?” बहू – “तो मैं उठकर सोफे पर बैठ जाऊंगी.” सास – “और अगर मैं भी आकर सोफे पर बैठ जाऊं तो क्या करोगी ?” बहू – “तो मैं फर्श पर चटाई बिछाकर बैठ जाऊंगी.” सास – “और अगर मैं भी चटाई पर आ जाऊं तो फिर क्या करोगी ?” बहू – “तो मैं जमीन पर बैठ जाऊंगी.” सास मजे लेते हुए आगे बोली – “और मैं जमीन पर भी तुम्हारे बगल में बैठ गई तो क्या करोगी ?” बहू (खीझ कर ) – “तो मैं जमीन में गड्ढा खोद कर उसमें बैठ जाऊंगी.” सास – “और अगर मैं गड्ढे में भी आकर बैठ गई तो ?” बहू – “तो मैं ऊपर से मिट्टी डAKLL Mालकर सिलसिला खत्म कर दूँगी … !!!”

Tuesday 20 October 2015

SAVDHAAN INDIA

कभी ये कहावत प्रचलित थी कि आप पैसे से सुख-सुविधा खरीद सकते हैं, पर सुकून नहीं। लेकिन आज के समाज में पैसे के बढ़ते महत्व ने इस कहावत को बदला तो नहीं, पर इसके बारे में पुनर्विचार पर अवश्य बल दिया है। कारण, आज की तारीख में सुकून से जीने के लिए हर कदम पर पैसे की आवश्यकता महसूस की जाती है। यही कारण है कि चाहे माया के नाम पर दूसरों को भ्रमित करने वाले बाबा हों, और चाहे घर के छोटे-छोटे बच्चे, सभी पैसों के पीछे भगते रहते हैं। और पैसों की इसी चाह ने लखनऊ के दो लोगों ने पैसे कमाने का ऐसा वैज्ञानिक तरीका खोज निकाला कि आखिर उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी। पिछले दिनों में लखनऊ पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अमीनाबाद स्थित जनाना पार्क से दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया, जो वैज्ञानिक तरीके से उन लोगों को बेवकूफ बनाते थे, जो नकली नोटों के द्वारा जल्दी अमीर बनना चाहते हों। इसके लिए ये ठग पाँच सौ रूपयों के बराबर के काले कागज काटकर उसकी गड्डियाँ बना लेते थे। इसके बाद वे लोग कुछ नकली नोटों को सिल्वर नाइट्रेट से रंग कर (सिल्वर नाइट्रेट डालने पर नोट भी काले रंग का हो जाता था) कागज की गड्डी में मिला देते थे। ऐसा करने के बाद वे अपने शिकार से यह कहते थे कि चूँकि पुलिस नकली नोटों की तलाश में छापे मारती रहती है, इसलिए हमने सभी नोटों को काले रंग में रंग दिया है। आप लोग जब भी इन्हें असली रंग में लाना चाहें, यह केमिकल (फोटो धोने वाला हाइपो केमिकल) डाल दें। हाइपो केमिकल डालने से सिल्वर नाइट्रेट से रंगा हुआ नोट वापस अपने मूल रूप में आ जाता था। अपने शिकार को विश्वास में लाने के लिए ठग नोटों को धुलने की यह क्रिया अपने शिकार से भी करवाते थे। जब शिकार को यह यकीन हो जाता था कि ये लोग सही कह रहे हैं, तो ठग मोटी रकम लेकर कुछ काले रंग के कागज और हाइपो केमिकल अपने शिकार को बेच देते थे। लेकिन जब ठगी का शिकार हुए लोग अपने घर जाकर काले कागजों को हाइपो केमिकल से धुलते थे, तो उनमें कोई परिवर्तन नहीं होता था। तब उन्हें एहसास होता था कि वास्तव में वे लोग ठगी का शिकार हुए हैं। वैज्ञानिक विधि से ठगी की यह विधि देखकर पुलिस विभाग के लोग हैरान हैं और वे पता लगाने का प्रयत्न कर रहे हैं कि इन ठगों का नेटवर्क कहाँ तक फैला हुआ है। तो लब्बो लुआब यह कि आप ‘माया’ से ज्यादा लगाव न रखें, वर्ना कोई बाबा ही नहीं, इस तरह को कोई ‘वैज्ञानिक ठग’ भी आपको बेवकूफ बना सकता है।

Saturday 17 October 2015

तीन सौ रूपये मे ईलाज करवाये ईलाज नही हुआ तो एक हजार रूपये वापिस

mein Doctor एक इंजिनियर को जॉब नही मिली तो उसने क्लिनिक खोला और बाहर लिखा तीन सौ रूपये मे ईलाज करवाये ईलाज नही हुआ तो एक हजार रूपये वापिस…. एक डॉक्टर ने सोचा कि एक हजार रूपये कमाने का अच्छा मौका है वो क्लिनिक पर गया और बोला मुझे किसी भी चीज का स्वाद नही आता है इंजिनियर : बॉक्स नं.२२ से दवा निकालो और ३ बूँद पिलाओ नर्स ने पिला दी मरीज(डॉक्टर) : ये तो पेट्रोल है इंजिनियर : मुबारक हो आपको टेस्ट महसूस हो गया लाओ तीन सौ रूपये… डॉक्टर को गुस्सा आ गया कुछ दिन बाद फिर वापिस गया पुराने पैसे वसूलने मरीज(डॉक्टर) : साहब मेरी याददास्त कमजोर हो गई है इंजिनियर : बॉक्स नं. २२ से दवा निकालो और ३ बूँद पिलाओ मरीज (डॉक्टर) : लेकिन वो दवा तो जुबान की टेस्ट के लिए है इंजिनियर : ये लो तुम्हारी याददास्त भी वापस आ गई लाओ तीन सौ रुपए… इस बार डॉक्टर गुस्से में गया मरीज(डॉक्टर) : मेरी नजर कम हो गई है इंजीनियर : इसकी दवाई मेरे पास नहीं है। लो एक हजार रुपये। मरीज(डॉक्टर) : यह तो पांच सौ का नोट है। इंजीनियर : आ गई नजर। ला तीन सौ रुपये.. 😀 😛

Thursday 15 October 2015

BHAGWAN KA ROOP- MAA BAAP

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया .. इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा … जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है ….. आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था …. जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे … मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी …. पता तो चले कितना माल छुपाया है …..माँ से भी … इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को.. जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है …. मैंने जूता निकाल कर देखा ….. मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था … जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था .. और मुझे जाना ही था घर छोड़कर … जैसे ही कुछ दूर चला …. मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था …. पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था ….. जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी ….. मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये …. मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था.. लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ? दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना …… ओह….अच्छे जुते पहनना ??? पर उनके जुते तो ………..!!!! माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो … और वे हर बार कहते “अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे ..” मैं अब समझा कितने चलेंगे ……तीसरी पर्ची ………. पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये … पढ़ते ही दिमाग घूम गया….. पापा का स्कूटर …………. ओह्ह्ह्ह मैं घर की और भागा…….. अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी …. मैं घर पहुंचा ….. न पापा थे न स्कूटर ………….. ओह्ह्ह नही मैं समझ गया कहाँ गए …. मैं दौड़ा ….. और एजेंसी पर पहुंचा…… पापा वहीँ थे …………… मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया .. …..नहीं…पापा नहीं…….. मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल… बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है.. वो भी आपके तरीके से …।। “माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है… और “पापा” एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है….

गुर्दे की पथरी

गुर्दे की पथरी
गुर्दे की पथरी (वृक्कीय कैल्कली, नेफरोलिथियासिस) (अंग्रेजी:Kidney stones) मूत्रतंत्र की एक ऐसी स्थिति है जिसमें, वृक्क (गुर्दे) के अन्दर छोटे-छोटे पत्थर सदृश कठोर वस्तुओं का निर्माण होता है। गुर्दें में एक समय में एक या अधिक पथरी हो सकती है। सामान्यत: ये पथरियाँ बिना किसी तकलीफ मूत्रमार्ग से शरीर से बाहर निकाल दी जाती हैं , किन्तु यदि ये पर्याप्त रूप से बड़ी हो जाएं ( २-३ मिमी आकार के) तो ये मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं। इस स्थिति में मूत्रांगो के आसपास असहनीय पीड़ा होती है। यह स्थिति आमतौर से 30 से 60 वर्ष के आयु के व्यक्तियों में पाई जाती है और स्त्रियों की अपेक्षा पुरूषों में चार गुना अधिक पाई जाती है। बच्चों और वृद्धों में मूत्राशय की पथरी ज्यादा बनती है, जबकि वयस्को में अधिकतर गुर्दो और मूत्रवाहक नली में पथरी बन जाती है। आज भारत के प्रत्येक 2000 परिवारों में से एक परिवार इस पीड़ादायक स्थिति से पीड़ित है, लेकिन सबसे दु:खद बात यह है कि इनमें से कुछ प्रतिशत रोगी ही इसका इलाज करवाते हैं। जिन मरीजों को मधुमेह की बीमारी है उन्हें गुर्दे की बीमारी होने की काफी संभावनाएं रहती हैं। अगर किसी मरीज को रक्तचाप की बीमारी है तो उसे नियमित दवा से रक्तचाप को नियंत्रण करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर रक्तचाप बढ़ता है, तो भी गुर्दे खराब हो सकते हैं। गुर्दे की पथरी के कारण किसी पदार्थ के कारण जब मूत्र सान्द्र (गाढ़ा) हो जाता है तो पथरी निर्मित होने लगती है। इस पदार्थ में छोटे छोटे दाने बनते हैं जो बाद में पथरी में तब्दील हो जाते है। इसके लक्षण जब तक दिखाई नहीं देते तब तक ये मूत्रमार्ग में बढ़ने लगते है और दर्द होने लगता है। इसमें काफी तेज दर्द होता है जो बाजू से शुरु होकर उरू मूल तक बढ़ता है। तथा रोजाना भोजन करते समय उनमें जो कैल्शियम फॉस्फेट आदि तत्व रह जाते हैं, पाचन क्रिया की विकृति से इन तत्वों का पाचन नहीं हो पाता है। वे गुर्दे में एकत्र होते रहते हैं। कैल्शियम, फॉस्फेट के सूक्ष्म कण तो मूत्र द्वारा निकलते रहते हैं, जो कण नहीं निकल पाते वे एक दूसरे से मिलकर पथरी का निर्माण करने लगते हैं। पथरी बड़ी होकर मूत्र नली में पहुंचकर मूत्र अवरोध करने लगती है। तब तीव्र पीड़ा होती है। रोगी तड़पने लगता है। इलाज में देर होने से मूत्र के साथ रक्त भी आने लगता है जिससे काफी पीड़ा होती है। तथा लंबे समय तक पाचन शक्ति ठीक न रहने और मूत्र विकार भी बना रहे तो गुर्दों में कुछ तत्व इकट्ठे होकर पथरी का रूप धारण कर लेते हैं। किसी प्रकार से पेशाब के साथ निकलने वाले क्षारीय तत्व किसी एक स्थान पर रुक जाते है,चाहे वह मूत्राशय हो,गुर्दा हो या मूत्रनालिका हो,इसके कई रूप होते है,कभी कभी यह बडा रूप लेकर बहुत परेशानी का कारक बन जाती है,पथरी की शंका होने पर किसी प्रकार से इसको जरूर चैक करवा लेना चाहिये ! नए वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर चिकित्सा विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण किडनी में पथरी की समस्या में आम तौर पर तेजी से वृद्धि होगी। कुछ खास क्षेत्रों में यह समस्या बहुत तेजी से बढ़ेगी। इन क्षेत्रों को ‘किडनी स्टोन बेल्ट’ का नाम दिया गया है। गुर्दे की पथरी के लक्षण पीठ के निचले हिस्से में अथवा पेट के निचले भाग में अचानक तेज दर्द, जो पेट व जांघ के संधि क्षेत्र तक जाता है। दर्द फैल सकता है या बाजू, श्रोणि, उरू मूल, गुप्तांगो तक बढ़ सकता है, यह दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बना रहता है तथा बीच-बीच में आराम मिलता है। दर्दो के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी होने की शिकायत भीहो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं ; बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है। अंडकोशों में दर्द, पेशाब का रंग असामान्य होना। गुर्दे की पथरी के ज्यादातर रोगी पीठ से पेट की तरफ आते भयंकर दर्द की शिकायत करते हैं। यह दर्द रह-रह कर उठता है और कुछ मिनटो से कई घंटो तक बना रहता है इसे ”रीलन क्रोनिन” कहते हैं। यह रोग का प्रमुख लक्षण है, इसमें मूत्रवाहक नली की पथरी में दर्दो पीठ के निचले हिस्से से उठकर जांघों की ओर जाता है। गुर्दे की पथरी के प्रकार सबसे आम पथरी कैल्शियम पथरी है। पुरुषों में, महिलाओं की तुलना में दो से तीन गुणा ज्यादा होती है। सामान्यतः 20 से 30 आयु वर्ग के पुरुष इससे प्रभावित होते है। कैल्शियम अन्य पदार्थों जैसे आक्सलेट(सबसे सामान्य पदार्थ) फास्फेट या कार्बोनेट से मिलकर पथरी का निर्माण करते है। आक्सलेट कुछ खाद्य पदार्थों में विद्यमान रहता है। पुरुषों में यूरिक एसिड पथरी भी सामान्यतः पाई जाती है। किस्टिनूरिया वाले व्यक्तियों में किस्टाइन पथरी निर्मित होती है। महिला और पुरुष दोनों में यह वंशानुगत हो सकता है। मूत्रमार्ग में होने वाले संक्रमण की वजह से स्ट्रवाइट पथरी होती है जो आमतौर पर महिलाओं में पायी जाती है। स्ट्रवाइट पथरी बढ़कर गुर्दे, मूत्रवाहिनी या मूत्राशय को अवरुद्ध कर सकती है।

Tuesday 13 October 2015

पेट की गैस को ठीक करने के उपाय

पेट की गैस को ठीक करने के उपाय

मानसिक तनाव, अशांति, भय, चिंता, क्रोध के कारण पाचन अंगों के आवश्यक पाचक रसों का स्राव कम हो जाता है, जिससे अज्रीर्ण(Indigestion) की तकलीफ हो जाती है और अज्रीर्ण का विकृत रूप गैस कि बिमारी पैदा कर देता है। भोजन में मूंग, चना, मटर, अरहर, आलू, सेम, चावल, तथा तेज मिर्च मसाले युक्त आहार अधिक मात्रा में सेवन न करें! शीर्घ पचने वाले आहार जैसे सब्जियां, खिचड़ी, चोकर सहित बनी आटें कि रोटी, दूध, तोरई, कद्दू, पालक, टिंडा, शलजम, अदरक, आवंला, नींबू आदि का सेवन अधिक करना चाहिए। भोजन खूब चबा चबा कर आराम से करना चाहिए! बीच बीच में अधिक पानी ना पिएं! भोजन के दो घंटे के बाद 1 से 2 गिलास पानी पिएं। दोनों समय के भोजन के बीच हल्का नाश्ता फल आदि अवश्य खाएं। तेल गरिष्ठ भोजन से परहेज करें! भोजन सादा, सात्त्विक और प्राक्रतिक अवस्था में सेवन करने कि कोशिश करें। दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें। प्रतिदिन कोई न कोई व्यायाम करने कि आदत जरुर बनाएं! शाम को घूमने जाएं! पेट के आसन से व्यायाम का पूरा लाभ मिलता है। प्राणयाम करने से भी पेट की गैस की तकलीफ दूर हो जाती है। शराब, चाय, कॉफी, तम्बाकू, गुटखा, जैसे व्यसन से बचें। प्राक्रतिक वेगों को रोके रखने कि आदत को छोड़ें जैसे मूत्र या मल। दिन में सोना छोड़ दें और रात को मानसिक परिश्रम से बचें| एक चम्मच अजवाइन के साथ चुटकी भर काला नमक भोजन के बाद चबाकर खाने से पेट कि गैस शीर्घ ही निकल जाती है| अदरक और नींबू का रस एक एक चम्मच कि मात्रा में लेकर थोड़ा सा नमक मिलकर भोजन के बाद दोनों समय सेवन करने से गैस कि सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं , और भोजन भो हजम हो जाता है! भोजन करते समय बीच बीच में लहसुन, हिंग, थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाते रहने से गैस कि तकलीफ नहीं होती| हरड, सोंठ का चूर्ण आधा आधा चम्मच कि मात्रा में लेकर उसमे थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद पानी से सेवन करने से पाचन ठीक प्रकार से होता है और गैस नहीं बनती! नींबू का रस लेने से गैस कि तकलीफ नहीं होती और पाचन क्रिया सुधरती है!

Friday 9 October 2015

चंचलता से बुद्धि का नाश

चंचलता से बुद्धि का नाश
किसी तालाब में कम्बुग्रीव नामक एक कछुआ रहता था। तालाब के किनारे रहने वाले संकट और विकट नामक हंस से उसकी गहरी दोस्ती थी। तालाब के किनारे तीनों हर रोज खूब बातें करते और शाम होने पर अपने-अपने घरों को चल देते। एक वर्ष उस प्रदेश में जरा भी बारिश नहीं हुई। धीरे-धीरे वह तालाब भी सूखने लगा। अब हंसों को कछुए की चिंता होने लगी। जब उन्होंने अपनी चिंता कछुए से कही तो कछुए ने उन्हें चिंता न करने को कहा। उसने हंसों को एक युक्ति बताई। उसने उनसे कहा कि सबसे पहले किसी पानी से लबालब तालाब की खोज करें फिर एक लकड़ी के टुकड़े से लटकाकर उसे उस तालाब में ले चलें। उसकी बात सुनकर हंसों ने कहा कि वह तो ठीक है पर उड़ान के दौरान उसे अपना मुंह बंद रखना होगा। कछुए ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह किसी भी हालत में अपना मुंह नहीं खोलेगा। कछुए ने लकड़ी के टुकड़े को अपने दांत से पकड़ा फिर दोनो हंस उसे लेकर उड़ चले। रास्ते में नगर के लोगों ने जब देखा कि एक कछुआ आकाश में उड़ा जा रहा है तो वे आश्चर्य से चिल्लाने लगे। लोगों को अपनी तरफ चिल्लाते हुए देखकर कछुए से रहा नहीं गया। वह अपना वादा भूल गया। उसने जैसे ही कुछ कहने के लिए अपना मुंह खोला कि आकाश से गिर पड़ा। ऊंचाई बहुत ज्यादा होने के कारण वह चोट झेल नहीं पाया और अपना दम तोड़ दिया। इसीलिए कहते हैं कि बुद्धिमान भी अगर अपनी चंचलता पर काबू नहीं रख पाता है तो परिणाम काफी बुरा होता है।

तीन अजब बातों का गजब चमत्कार

तीन अजब बातों का गजब चमत्कार

न्यायप्रिय राजा हरि सिंह बेहद बुद्धिमान था। वह प्रजा के हर सुख-दुख की चिंता अपने परिवार की तरह करता था। लेकिन कुछ दिनों से उसे स्वयं के कार्य से असंतुष्टि हो रही थी। उसने बहुत प्रयत्न किया कि वह अभिमान से दूर रहे पर वह इस समस्या का हल निकालने में असमर्थ था। एक दिन राजा जब राजगुरु प्रखरबुद्धि के पास गए तो राजगुरू राजा का चेहरा देखते ही उसके मन मे हो रही इस परेशानी को समझ गए। उन्होंने कहा, 'राजन् यदि तुम मेरी तीन बातों को हर समय याद रखोगे तो जिंदगी में कभी भी असफल नहीं हो सकते। प्रखरबुद्धि बोले, 'पहली बात, रात को मजबूत किले में रहना। दूसरी बात, स्वादिष्ट भोजन ग्रहण करना और तीसरी, सदा मुलायम बिस्तर पर सोना।' गुरु की अजीब बातें सुनकर राजा बोला, 'गुरु जी, इन बातों को अपनाकर तो मेरे अंदर अभिमान और भी अधिक उत्पन्न होगा।' इस पर प्रखरबुद्धि मुस्करा कर बोले, 'तुम मेरी बातों का अर्थ नहीं समझे। मैं तुम्हें समझाता हूं। पहली बात-सदा अपने गुरु के साथ रहकर चरित्रवान बने रहना। कभी बुरी आदत के आदी मत होना। । दूसरी बात, कभी पेट भरकर मत खाना जो भी मिले उसे प्रेमपूर्वक खाना। खूब स्वादिष्ट लगेगा। और तीसरी बात, कम से कम सोना। अधिक समय तक जागकर प्रजा की रक्षा करना। जब नींद आने लगे तो राजसी बिस्तर का ध्यान छोड़कर घास, पत्थर, मिट्टी जहां भी जगह मिले वहीं गहरी नींद सो जाना। ऐसे में तुम्हें हर जगह लगेगा कि मुलायम बिस्तर पर हो। बेटा, यदि तुम राजा की जगह त्यागी बनकर अपनी प्रजा का ख्याल रखोगे तो कभी भी अभिमान, धन व राजपाट का मोह तुम्हें नहीं छू पाएगा।'

पंडित और ग्वालिन

पंडित और ग्वालिन


एक पंडित जी थे। उन्होंने एक नदी के किनारे अपना आश्रम बनाया हुआ था। पंडित जी बहुत विद्वान थे। उनके आश्रम में दूर-दूर से लोग ज्ञान प्राप्त करने आते थे। नदी के दूसरे किनारे पर लक्ष्मी नाम की एक ग्वालिन अपने बूढ़े पिताश्री के साथ रहती थी। लक्ष्मी सारा दिन अपनी गायों को देखभाल करती थी। सुबह जल्दी उठकर अपनी गायों को नहला कर दूध दोहती, फिर अपने पिताजी के लिए खाना बनाती, तत्पश्चात् तैयार होकर दूध बेचने के लिए निकल जाया करती थी। पंडित जी के आश्रम में भी दूध लक्ष्मी के यहाँ से ही आता था। एक बार पंडित जी को किसी काम से शहर जाना था। उन्होंने लक्ष्मी से कहा कि उन्हें शहर जाना है, इसलिए अगले दिन दूध उन्हें जल्दी चाहिए। लक्ष्मी अगले दिन जल्दी आने का वादा करके चली गयी। अगले दिन लक्ष्मी ने सुबह जल्दी उठकर अपना सारा काम समाप्त किया और जल्दी से दूध उठाकर आश्रम की तरफ निकल पड़ी। नदी किनारे उसने आकर देखा कि कोई मल्लाह अभी तक आया नहीं था। लक्ष्मी बगैर नाव के नदी कैसे पार करती ? फिर क्या था, लक्ष्मी को आश्रम तक पहुँचने में देर हो गयी। आश्रम में पंडित जी जाने को तैयार खड़े थे। उन्हें सिर्फ लक्ष्मी का इन्तजार था। लक्ष्मी को देखते ही उन्होंने लक्ष्मी को डाँटा और देरी से आने का कारण पूछा। लक्ष्मी ने भी बड़ी मासूमियत से पंडित जी से कह दिया कि नदी पर कोई मल्लाह नहीं था, वह नदी कैसे पार करती ? इसलिए देर हो गयी। पंडित जी गुस्से में तो थे ही, उन्हें लगा कि लक्ष्मी बहाने बना रही है। उन्होंने भी गुस्से में लक्ष्मी से कहा, ‘‘क्यों बहाने बनाती है। लोग तो जीवन सागर को भगवान का नाम लेकर पार कर जाते हैं, तुम एक छोटी सी नदी पार नहीं कर सकती ?’ पंडित जी की बातों का लक्ष्मी पर बहुत गहरा असर हुआ। दूसरे दिन भी जब लक्ष्मी दूध लेकर आश्रम जाने निकली तो नदी के किनारे मल्लाह नहीं था। लक्ष्मी ने मल्लाह का इंतजार नहीं किया। उसने भगवान को याद किया और पानी की सतह पर चलकर आसानी से नदी पार कर ली। इतनी जल्दी लक्ष्मी को आश्रम में देख कर पंडित जी हैरान रह गये, उन्हें पता था कि कोई मल्लाह इतनी जल्दी नहीं आता है। उन्होंने लक्ष्मी से पूछा कि तुमने आज नदी कैसे पार की ? लक्ष्मी ने बड़ी सरलता से कहा—‘‘पंडित जी आपके बताये हुए तरीके से। मैंने भगवान् का नाम लिया और पानी पर चलकर नदी पार कर ली।’’ पंडित जी को लक्ष्मी की बातों पर विश्वास नहीं हुआ। उसने लक्ष्मी से फिर पानी पर चलने के लिए कहा। लक्ष्मी नदी के किनारे गयी और उसने भगवान का नाम जपते-जपते बड़ी आसानी से नदी पार कर ली। पंडित जी हैरान रह गये। उन्होंने भी लक्ष्मी की तरह नदी पार करनी चाही। पर नदी में उतरते वक्त उनका ध्यान अपनी धोती को गीली होने से बचाने में लगा था। वह पानी पर नहीं चल पाये और धड़ाम से पानी में गिर गये। पंडित जी को गिरते देख लक्ष्मी ने हँसते हुए कहा, ‘‘आपने तो भगवान का नाम लिया ही नहीं, आपका सारा ध्यान अपनी नयी धोती को बचाने में लगा हुआ था।’’ पंडित जी को अपनी गलती का अहसास हो गया। उन्हें अपने ज्ञान पर बड़ा अभिमान था। पर अब उन्होंने जान लिया था कि भगवान को पाने के लिए किसी भी ज्ञान की जरूरत नहीं होती। उसे तो पाने के लिए सिर्फ सच्चे मन से याद करने की जरूरत है। कहानी में हमें यह बताया गया है कि अगर सच्चे मन से भगवान को याद किया जाये, तो भगवान तुरन्त अपने भक्तों की मदद करते है।

सातवां घड़ा

सातवां घड़ा


एक गाँव में एक नाई अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। नाई ईमानदार था, अपनी कमाई से संतुष्ट था। उसे किसी तरह का लालच नहीं था। नाई की पत्नी भी अपनी पति की कमाई हुई आय से बड़ी कुशलता से अपनी गृहस्थी चलाती थी। कुल मिलाकर उनकी जिंदगी बड़े आराम से हंसी-खुशी से गुजर रही थी। नाई अपने काम में बहुत निपुण था। एक दिन वहाँ के राजा ने नाई को अपने पास बुलवाया और रोज उसे महल में आकर हजामत बनाने को कहा। नाई ने भी बड़ी प्रसन्नता से राजा का प्रस्ताव मान लिया। नाई को रोज राजा की हजामत बनाने के लिए एक स्वर्ण मुद्रा मिलती थी। इतना सारा पैसा पाकर नाई की पत्नी भी बड़ी खुश हुई। अब उसकी जिन्दगी बड़े आराम से कटने लगी। घर पर किसी चीज की कमी नहीं रही और हर महीने अच्छी रकम की बचत भी होने लगी। नाई, उसकी पत्नी और बच्चे सभी खुश रहने लगे। एक दिन शाम को जब नाई अपना काम निपटा कर महल से अपने घर वापस जा रहा था, तो रास्ते में उसे एक आवाज सुनाई दी। आवाज एक यक्ष की थी। यक्ष ने नाई से कहा, ‘‘मैंने तुम्हारी ईमानदारी के बड़े चर्चे सुने हैं, मैं तुम्हारी ईमानदारी से बहुत खुश हूँ और तुम्हें सोने की मुद्राओं से भरे सात घड़े देना चाहता हूँ। क्या तुम मेरे दिये हुए घड़े लोगे ? नाई पहले तो थोड़ा डरा, पर दूसरे ही पल उसके मन में लालच आ गया और उसने यक्ष के दिये हुए घड़े लेने का निश्चय कर लिया। नाई का उत्तर सुनकर उस आवाज ने फिर नाई से कहा, ‘‘ठीक है सातों घड़े तुम्हारे घर पहुँच जाएँगे।’’ नाई जब उस दिन घर पहुँचा, वाकई उसके कमरे में सात घड़े रखे हुए थे। नाई ने तुरन्त अपनी पत्नी को सारी बातें बताईं और दोनों ने घड़े खोलकर देखना शुरू किया। उसने देखा कि छः घड़े तो पूरे भरे हुए थे, पर सातवाँ घड़ा आधा खाली था। नाई ने पत्नी से कहा—‘‘कोई बात नहीं, हर महीने जो हमारी बचत होती है, वह हम इस घड़े में डाल दिया करेंगे। जल्दी ही यह घड़ा भी भर जायेगा। और इन सातों घड़ों के सहारे हमारा बुढ़ापा आराम से कट जायेगा। अगले ही दिन से नाई ने अपनी दिन भर की बचत को उस सातवें में डालना शुरू कर दिया। पर सातवें घड़े की भूख इतनी ज्यादा थी कि वह कभी भी भरने का नाम ही नहीं लेता था। धीरे-धीरे नाई कंजूस होता गया और घड़े में ज्यादा पैसे डालने लगा, क्योंकि उसे जल्दी से अपना सातवाँ घड़ा भरना था। नाई की कंजूसी के कारण अब घर में कमी आनी शुरू हो गयी, क्योंकि नाई अब पत्नी को कम पैसे देता था। पत्नी ने नाई को समझाने की कोशिश की, पर नाई को बस एक ही धुन सवार थी—सातवां घड़ा भरने की। अब नाई के घर में पहले जैसा वातावरण नहीं था। उसकी पत्नी कंजूसी से तंग आकर बात-बात पर अपने पति से लड़ने लगी। घर के झगड़ों से नाई परेशान और चिड़चिड़ा हो गया। एक दिन राजा ने नाई से उसकी परेशानी का कारण पूछा। नाई ने भी राजा से कह दिया अब मँहगाई के कारण उसका खर्च बढ़ गया है। नाई की बात सुनकर राजा ने उसका मेहताना बढ़ा दिया, पर राजा ने देखा कि पैसे बढ़ने से भी नाई को खुशी नहीं हुई, वह अब भी परेशान और चिड़चिड़ा ही रहता था। एक दिन राजा ने नाई से पूछ ही लिया कि कहीं उसे यक्ष ने सात घड़े तो नहीं दे दिये हैं ? नाई ने राजा को सातवें घड़े के बारे में सच-सच बता दिया। तब राजा ने नाई से कहा कि सातों घड़े यक्ष को वापस कर दो, क्योंकि सातवां घड़ा साक्षात लोभ है, उसकी भूख कभी नहीं मिटती। नाई को सारी बात समझ में आ गयी। नाई ने उसी दिन घर लौटकर सातों घड़े यक्ष को वापस कर दिये। घड़ों के वापस जाने के बाद नाई का जीवन फिर से खुशियों से भर गया था। कहानी हमें बताती है कि हमें कभी लोभ नहीं करना चाहिए। भगवान ने हम सभी को अपने कर्मों के अनुसार चीजें दी हैं, हमारे पास जो है, हमें उसी से खुश रहना चाहिए। अगर हम लालच करे तो सातवें घड़े की तरह उसका कोई अंत नहीं होता।

सही अवसर(समय) काे पहचाने

सही अवसर(समय) काे पहचाने



एक नौजवान आदमी, एक किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास गया। किसान ने उसकी ओर देखा और कहा, “युवक” खेत में जाओ, मैं एक-एक करके तीन बैल छोड़ने वाला हूँ। अगर तुम तीनों बैलों में से किसी भी एक की पूँछ पकड़ लो तो मैं अपनी बेटी की शादी तुमसे कर दूंगा। नौजवान खेत में बैल की पूँछ पकड़ने की मुद्रा लेकर खडा हो गया। किसान ने खेत में स्थित घर का दरवाजा खोला और एक बहुत ही बड़ा और खतरनाक बैल उसमे से निकला। नौजवान ने ऐसा बैल पहले कभी नहीं देखा था। उससे डर कर नौजवान ने निर्णय लिया कि वह अगले बैल का इंतज़ार करेगा और वह एक तरफ हो गया जिससे बैल उसके पास से होकर निकल गया। दरवाजा फिर खुला। आश्चर्यजनक रूप से इस बार पहले से भी बड़ा और भयंकर बैल निकला। नौजवान ने सोचा कि इससे तो पहला वाला बैल ठीक था। फिर उसने एक ओर होकर बैल को निकल जाने दिया। दरवाजा तीसरी बार खुला। नौजवान के चहरे पर मुस्कान आ गई। इस बार एक छोटा और मरियल बैल निकला। जैसे ही बैल नौजवान के पास आने लगा, नौजवान ने उसकी पूँछ पकड़ने के लिए मुद्रा बना ली ताकि उसकी पूँछ सही समय पर पकड़ ले। पर उस बैल की पूँछ थी ही नहीं। कहानी से सीख….. हर एक इंसान कि जिन्दगी अवसरों से भरी हुई है। कुछ सरल हैं और कुछ कठिन। पर अगर एक बार अवसर गवां दिया तो फिर वह अवसर दुबारा नहीं मिलेगा। अतः हमेशा प्रथम अवसर को हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।

चार मूर्ख

चार मूर्ख
एक बार काशी नरेश ने अपने मंत्री को यह आदेश दिया कि जाओ और तीन दिन के भीतर चार मूर्खों को मेरे सामने पेश करो. यदि तुम ऐसा नहीं कर सके तो तुम्हारा सिर कलम कर दिया जाएगा. पहले तो मंत्री जी थोड़े से घबराये लेकिन मरता क्या न करता. राजा का हुक्म जो था. ईश्वर का स्मरण कर मूर्खों की खोज में चल पड़े. कुछ मील चलने के बाद उसने एक आदमी को देखा जो गदहे पर सवार था और सिर पर एक बड़ी सी गठरी उठाये हुए था. मंत्री को पहला मूर्ख मिल चुका था. मंत्री ने चैन की सांस ली. कुछ और आगे बढ़ने पर दूसरा मूर्ख भी मिल गया. वह लोगों को लड्डू बाँट रहा था. पूछने पर पता चला कि शत्रु के साथ भाग गयी उसकी बीबी ने एक बेटे को जन्म दिया था जिसकी ख़ुशी में वह लड्डू बाँट रहा था. दोनों मूर्खों को लेकर मंत्री राजा के पास पहुंचा. राजा ने पूछा - ये तो दो ही हैं? तीसरा मूर्ख कहाँ है? महाराज वह मैं हूँ. जो बिना सोचे समझे मूर्खों की खोज में निकल पड़ा. बिना कुछ सोचे समझे आपका हुक्म बजाने चल पड़ा. और चौथा मूर्ख ? क्षमा करें महाराज? वह आप हैं. जनता की भलाई और राज काज के काम के बदले आप मूर्खों की खोज को इतना जरुरी काम मानते हैं. राजा की आँखें खुल गयी और उनसे मंत्री से क्षमा मांगी.

हिसाब बराबर - DIMAGI KAHANI

हिसाब बराबर


एक डॉक्टर ने नया-नया क्लीनिक खोला तो बाहर बोर्ड टाँग दिया, जिस पर लिखा था, "किसी भी बीमारी का इलाज़ मात्र 300/- रुपये में और अगर हम आपका इलाज़ नहीं कर पाये तो हम आपको 1000/- रुपये देंगे।" यह बोर्ड पढ़कर एक दिन एक आदमी के मन में ख्याल आया कि क्यों न कोई चालाकी की जाये और 1000/- रुपये कमाये जाएँ। इसी सोच के साथ आदमी डॉक्टर के पास पहुँच गया। डॉक्टर: आईये बैठिये, बताइये क्या तक़लीफ है आपको? आदमी: डॉक्टर साहब, मैं अपना स्वाद खो चुका हूँ। कुछ भी खाता या पीता हूँ तो स्वाद का पता ही नहीं चलता। डॉक्टर ने पूरी बात सुनी और नर्स से कहा कि 22 नंबर वाली बोतल में से कुछ बूंदे इनकी जीभ पर डाल दो। नर्स से जैसे ही बूंदे आदमी की जीभ पर डाली, आदमी एक दम से चिल्लाया, "यह तो पेशाब है।" डॉक्टर: मुबारक हो आपका स्वाद वापस आ गया। आदमी बहुत शर्मिंदा हुआ और उसे 300/- रूपये भी गंवाने पड़े। कुछ दिनों बाद वो फिर से डॉक्टर के पास अपना हिसाब बराबर करने पहुँच गया। डॉक्टर: जी अब क्या तकलीफ हो गयी। आदमी: डॉक्टर साहब, मैं अपनी यादाश्त कमज़ोर हो गयी है। डॉक्टर ने नर्स से कहा कि 22 नंबर वाली बोतल में से दवाई निकाल कर इनको दो। यह सुन कर आदमी तुरंत बोला, "डॉक्टर साहब वो दवाई तो स्वाद वापस लाने के लिए है न।" डॉक्टर: मुबारक हो आपकी यादाश्त भी वापस आ गयी है।

अन्धों की संख्या

अन्धों की संख्या




एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा- बीरबल जरा बताओ तो उस दुनिया में किसकी संख्या अधिक है, जो देख सकते हैं या जो अंधे हैं ? बीरबल बोले, इस समय तुरंत तो आपके इस सवाल का जबाब देना मेरे लिए संभव नहीं है लेकिन मेरा विश्वास है की अंधों की संख्या अधिक होगी बजाए देख सकने वालों की। बादशाह ने कहा- तुम्हें अपनी बात सिद्ध करके दिखानी होगी, बीरबल ने भी खुशी-खुशी बादशाह की चुनौती स्वीकार कर ली। अगले दिन बीरबल बीच बाजार में एक बिना बुनी हुई चारपाई लेकर बैठ गए और उसे बुनना शुरू कर दिया, उसके अगल-बगल दो आदमी कागज-कलम लेकर बैठे हुए थे। थोडी ही देर मे वहाँ भीड़ इकट्‍ठी हो गई, यह देखने के लिए कि यहाँ हो क्या रहा है। वहां मौजूद हर व्यक्ति ने बीरबल से एक ही सवाल पूछा- बीरबल तुम क्या कर रहे हो? बीरबल के अगल-बगल बैठे दोनों आदमी ऐसा सवाल करने वालों का नाम पूछ-पूछ कर लिखते जा रहे थे, जब बादशाह के कानों तक यह बात पहुंची कि बीच बाजार बीरबल चारपाई बुन रहे हैं, तो वो भी वहां जा पहुंचे और वही सवाल किया- यह तुम क्या कर रहे हो? कोई जबाब दिए बिना बीरबल ने अपने बगल में बैठे एक आदमी से बादशाह अकबर का भी नाम लिख लेने को कहा, तभी बादशाह ने आदमी के हाथ में थमा कागज का पुलिंदा ले लिया उस पर लिखा था- 'अंधे लोगों की सूची'| बादशाह ने बीरबल से पूछा इसमें मेरा नाम क्यों लिखा है? बीरबल ने कहा 'जहाँपनाह, आपने देखा भी कि मैं चारपाई बुन रहा हूँ, फिर भी आपने सवाल पूछा कि- मैं क्या कर रहा हूँ। बादशाह ने देखा उन लोगों की सूची में एक भी नाम नहीं था जो देख सकते थे, लेकिन अंधे लोगों की सूची का पुलिंदा बेहद भारी था...। बीरबल ने कहा- हुजूर, अब तो आप मेरी बात से सहमत हो गए होंगे की दुनिया में अंधों की तादाद ज्यादा है। बीरबल की इस चतुराई पर बादशाह मंद-मंद मुस्करा दिए।