Tuesday, 20 October 2015
SAVDHAAN INDIA
कभी ये कहावत प्रचलित थी कि आप पैसे से सुख-सुविधा खरीद सकते हैं, पर सुकून नहीं। लेकिन आज के समाज में पैसे के बढ़ते महत्व ने इस कहावत को बदला तो नहीं, पर इसके बारे में पुनर्विचार पर अवश्य बल दिया है। कारण, आज की तारीख में सुकून से जीने के लिए हर कदम पर पैसे की आवश्यकता महसूस की जाती है। यही कारण है कि चाहे माया के नाम पर दूसरों को भ्रमित करने वाले बाबा हों, और चाहे घर के छोटे-छोटे बच्चे, सभी पैसों के पीछे भगते रहते हैं। और पैसों की इसी चाह ने लखनऊ के दो लोगों ने पैसे कमाने का ऐसा वैज्ञानिक तरीका खोज निकाला कि आखिर उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी।
पिछले दिनों में लखनऊ पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अमीनाबाद स्थित जनाना पार्क से दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया, जो वैज्ञानिक तरीके से उन लोगों को बेवकूफ बनाते थे, जो नकली नोटों के द्वारा जल्दी अमीर बनना चाहते हों। इसके लिए ये ठग पाँच सौ रूपयों के बराबर के काले कागज काटकर उसकी गड्डियाँ बना लेते थे। इसके बाद वे लोग कुछ नकली नोटों को सिल्वर नाइट्रेट से रंग कर (सिल्वर नाइट्रेट डालने पर नोट भी काले रंग का हो जाता था) कागज की गड्डी में मिला देते थे। ऐसा करने के बाद वे अपने शिकार से यह कहते थे कि चूँकि पुलिस नकली नोटों की तलाश में छापे मारती रहती है, इसलिए हमने सभी नोटों को काले रंग में रंग दिया है। आप लोग जब भी इन्हें असली रंग में लाना चाहें, यह केमिकल (फोटो धोने वाला हाइपो केमिकल) डाल दें। हाइपो केमिकल डालने से सिल्वर नाइट्रेट से रंगा हुआ नोट वापस अपने मूल रूप में आ जाता था। अपने शिकार को विश्वास में लाने के लिए ठग नोटों को धुलने की यह क्रिया अपने शिकार से भी करवाते थे।
जब शिकार को यह यकीन हो जाता था कि ये लोग सही कह रहे हैं, तो ठग मोटी रकम लेकर कुछ काले रंग के कागज और हाइपो केमिकल अपने शिकार को बेच देते थे। लेकिन जब ठगी का शिकार हुए लोग अपने घर जाकर काले कागजों को हाइपो केमिकल से धुलते थे, तो उनमें कोई परिवर्तन नहीं होता था। तब उन्हें एहसास होता था कि वास्तव में वे लोग ठगी का शिकार हुए हैं। वैज्ञानिक विधि से ठगी की यह विधि देखकर पुलिस विभाग के लोग हैरान हैं और वे पता लगाने का प्रयत्न कर रहे हैं कि इन ठगों का नेटवर्क कहाँ तक फैला हुआ है।
तो लब्बो लुआब यह कि आप ‘माया’ से ज्यादा लगाव न रखें, वर्ना कोई बाबा ही नहीं, इस तरह को कोई ‘वैज्ञानिक ठग’ भी आपको बेवकूफ बना सकता है।
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