क्या आप राशिफल (Rashifal) देखते है ??? हमारे समाज में भाग्य या किस्मत को लेकर कई विचारधाराएँ देखने को मिलती है और हममें से ज्यादातर लोग, अख़बार में कुछ पढ़े न पढ़े पर राशिफल (Rashifal) जरूर पढ़ते है| आप भी कभी न कभी राशिफल (Horoscope) पढ़ते ही होंगे और हो सकता है कि जो परिस्थितियां समाचार पत्र में लिखी हो वैसी ही आपके साथ घटित हो जाए| लेकिन महत्वपूर्ण बात यह नहीं कि अख़बार में लिखी परिस्थितियां सच होती है या नहीं, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या आप, अपना भाग्य उस अखबार को लिखने देते है या खुद लिखते है| अपनी किस्मत अपने हाथ आप सभी ने क्रिकेट का मैच (Cricket Match) देखा ही होगा| जब बल्लेबाज क्रीज पर बल्लेबाजी कर रहा होता है और गेंदबाज गेंद लेकर दौड़ता है तो बल्लेबाज को यह नहीं पता होता कि वह कैसी गेंद फेंकेगा| बल्लेबाज के सामने बाउंसर भी आ सकता है और फुलटॉस भी आ सकता है| गेंद कैसी आएगी यह बल्लेबाज़ के नियंत्रण में नहीं है लेकिन बल्लेबाजी कैसे करनी है यह बल्लेबाज के नियंत्रण में है इसी तरह हमारे जीवन में परिस्थतियां कैसी होंगी यह हमारे नियंत्रण में नहीं, लेकिन उन परिस्थतियों का सामना कैसे करना है यह हमारे नियंत्रण में है| इसलिए समाचार पत्र में जो भाग्य या राशिफल (Rashifal) लिखा होता है वह अधूरा होता है जिसे हमें पूरा करना होता है – We have to create our own destiny| अख़बार या ज्योतिष शायद पहले से यह बता सकते है कि हमारे सामने परिस्थतियां कैसी आएंगी लेकिन यह हम पर निर्भर करता है कि हम उन परिस्थितियों का सामना कैसे करते है| हम चाहें तो विपरीत परिस्थिति को भी सकारात्मक नजरिये के द्वारा अनुकूल बनाकर अपना भाग्य खुद लिख सकते है|और अगर हम ऐसा नहीं करते है तो परिस्थितियां हमारे जीवन को नियंत्रित करने लगेगी और फिर हम यह बहाना बना सकते है कि “जो भाग्य में लिखा है वही होता है|”
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