गजबे हो जायेगा
एक जजमान कथा सुन रहे थे .
पंडित जी ने कथा शुरू होने के पहले ही जजमान को बता दिया था कि कथा के बीच में उठना मना है .
जब पंडित जी को कथा बाचते बहुत समय हो गया तो जजमान ने पंडित जी से पूछा "महाराज अगर कथा के बीच में उठना चाहूँ तो क्या उठ सकता हूँ ? ".
पंडित जी बोले "नहीं , जजमान आप कथा के बीच से उठ कर कहीं नहीं जा सकते ".
जजमान बोले "पंडित जी , अगर कोई आवश्यक कार्य हो तो ?". पंडित जी बोले "नहीं , जजमान अगर ऐसा करेगे तो कथा फलित नहीं होगी ".
जजमान बोले "पंडित जी , अगर लघुशंका जाना हो तो ?".
पंडित जी बोले "तो जजमान आप धीरे से उठ कर चले जाइये और हाथ-पैर धोके, थोड़ासा जल ऊपर छिड़क कर, वापस आके बैठ जाइये "।
जजमान बोले "महराज, अगर दीर्घ शंका जाना हो तो ?
" पंडित जी बोले "जजमान , तबतो गजबे हो जायेगा ".
जजमान बोले "महराज , गजबे करके तो बैठे हुए है , अब बताइए क्या करे ?"
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