जड़मेंथा मतलब पिंटू और सिंटू दो भाई थे दोनों बहुत शरारती थे। दिन रात खेलते रहते थे कभी स्कुल नहीं जाते और घर पर जो भी मास्टर पढाने आता उसे भगा देते थे । माँ-बाप बड़े परेशान थे की कैसे पढेगे । उन्होंने एक नया मास्टर घर पर पढाने के लिए रखा , मास्टर ने कहा की वह अपने तरीके से बच्चों को पढायेगा। मास्टर पिंटू और सिंटू के पास जाता है और बोलता है की " वह उन्हें पढायेगा नहीं बल्कि उन्हें नए-नए खेल सिखायेगा "। पिंटू और सिंटू खुश हो जाते है । एक सप्ताह हो जाते मास्टर उन्हें कई नए खेल सिखाता है , एक दिन वह उन्हें पतंग उड़ना सिखाता है । पिंटू पतंग उड़ा रहा होता है तो मास्टर सिंटू से पूछता है "बताओ तुम्हारी पतंग का रंग क्या है? "। सिंटू बोलता है "पीला "। वो फिर पूछता है "और जो सामने पतंग उड़ रही है उसका रंग क्या? "। सिंटू बोलता है "लाल "। मास्टर फिर पूछता है "क्या तुम बता सकते हो इस समय आसमान में कितनी पतंग उड़ रही है ?"। तभी पिंटू पतंग छोड़ते हुए चिल्लाता है "भाग सिंटू भाग ! ये तो पढ़ा रहा है "। कुछ दिनों बाद पिता के बहुत डांटने-मारने पर वो स्कुल जाते है । कक्षा में जब हिंदी के मास्टर आते है तो पिंटू मास्टर से पूछता है की "जड़मेंथा मतलब क्या होता है ?" , सिंटू भी हाँ में हाँ मिलता हुआ पूछता है की उसे भी जड़मेंथा का मतलब पूछना था । मास्टर बहुत सोचने के बाद बोलते है की वो उसका अर्थ कल बतायेंगे । मास्टर साहब जड़मेंथा शब्द "हिंदी शब्द कोष और हिंदी शब्द सागर" में खोजते है पर नहीं मिलता तो वो हिंदी के एक विद्वान से पूछते है की "जड़मेंथा का अर्थ क्या होता है " । हिंदी के विद्वान पूछते है की "ये शब्द आप ने कहाँ पढ़ा ?"। तो मास्टर साहब बताते है की आज कक्षा में दो बच्चों ने पूछा । विद्वान बोलते है तो आप उनसे पूछिये की उन्होंने ये शब्द कहाँ पढ़ा । अगले दिन मास्टर साहब सिंटू और पिंटू से पूछते है "जड़मेंथा शब्द तुमने कहाँ पढ़ा ?"। पिंटू बोलता है "मास्टर जी कहानी वाली किताब में लिखा है "। घर जाके मास्टर साहब किताब को कई बार पढ़ते है पर उन्हें जड़मेंथा शब्द कही नहीं मिलता । अगले दिन वो फिर पूछते है "किताब में कहाँ पर लिखा हुआ है ?"। पिंटू बोलता है "मास्टर जी वो दूसरी कहानी में लिखा है 'सांप पेड़ की जड़ में था'"।
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