Wednesday 23 September 2015

डिस्पोजेवल कप को न कहें

डिस्पोजेवल कप को न कहें
अगर आप डिस्पोजेवल चाय के गिलास में चाय पीते है तो ध्यान दे- गिलास में चाय डालने से पहले गिलास में रगड़कर उगंली घुमाये. आप पायेंगे कि आपकी उगंली हल्की सी चिकनी हो गई है यह क्या है- गिलास आपस में चिपके नहीं इसलिये मशीन द्वारा इनमें हल्की सी मोम की परत लगा दी जाती है- जब हम इसमें गर्मागर्म चाय डालते है तो यह जहरीला मोम पिघल कर चाय में मिलकर हमारे पेट के अन्दर चला जाता है- चाय गर्म होने के कारण इसके स्वाद का हमें पता नहीं लगता- अगर आप सिद्ध करना चाहते है कि ऐसा है या नहीं बड़ा आसान हैं- गर्म चाय डिस्पोजेवल गिलास में डाले और उस चाय को पानी तरह ठण्डा होने दे. फिर ठण्डी चाय की घुट भरे- यकीन मानिये सार दिन आपके मूहं का स्वाद कोई ठीक नहीं कर सकता- कहते है यह कैमीकल्स पी कर हम कैन्सर को न्यौता दे रहे है- अगर आपकी उम्र ज्यादा हो चुकी है भले ही आप इस जहर को पीना न छोडे लेकिन कृप्या-अपने बच्चों को यह जहर पीने से रोके क्योंकि- पुरे समाज को उनसे बड़ी उम्मीद है.इसलिए हो सके तो डिस्पोजेवल कप यह गिलास का बहिष्कार करें और लोगों को जागरूक बनायें. डिस्पोजेवल से पर्यावरण को भी खतरा है. प्लास्टिक हो या थर्माकोल दोनों को गलने में हजारो साल लग जाते है. पर्यावरण रहेगा तो ही जीवन रहेगा.

No comments:

Post a Comment