Wednesday 23 September 2015

बुरा भाग्य या अच्छा भाग्य?

बुरा भाग्य या अच्छा भाग्य?
चीन के एक किसान के पास अपना खेत जोतने के लिए एक बूढा घोड़ा था. एक दिन वह घोड़ा पहाड़ों में भाग गया. यह बात पड़ोसियों को पता चला. कुछ पडोसी उस किसान के पास सहानुभूति जताने आये और दुःखी होकर उसे बोला – कोई बात नहीं जब बुरा भाग्य हो तो ऐसा ही होता है. किसान बोला – बुरा भाग्य या अच्छा भाग्य? कौन जानता है? एक सप्ताह बाद वह घोड़ा लौट आया और साथ में जंगली गधे का एक झुण्ड भी साथ ले आया. इस बार पड़ोसियों ने किसान के अच्छे भाग्य के लिए बधाई दी. किसान फिर बोला - बुरा भाग्य या अच्छा भाग्य? कौन जानता है? एक दिन जब किसान का बेटा एक जंगली गधे को पालतू बनाकर उसकी सवारी करना चाह रहा था तो उस गधे ने उसे पटक दिया और उसका पैर टूट गया. पडोसी फिर आये और बोले – इसका बहुत बुरा भाग्य था, देखो क्या हो गया. किसान फिर बोला - बुरा भाग्य या अच्छा भाग्य? कौन जानता है? दो सप्ताह बाद आर्मी ने उस गाँव में अपना मार्च किया और रंगरूटों की अनिवार्य भर्ती के लिए सभी युवकों को ले गए. किसान के बेटा का चूँकि पैर टुटा हुआ था, इसलिए उसे छोड़ दिया. अब बताइए - बुरा भाग्य या अच्छा भाग्य? कौन जानता है? इसलिए अपने धुन में लगे रहें. जो होना होगा होकर रहेगा. बिल्ली रास्ता काट दिया या कोई छींक दिया तो रुक गए. गिरते हैं मैदाने जंग में सह्सवार ही, गिरना वो क्या जाने जो घुटनों के बल चले.

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