Wednesday 23 September 2015

अचानक हृदयाघात आये तो क्या करें?

अचानक हृदयाघात आये तो क्या करें?

यह पोस्ट हृदयाघात यानि हार्ट अटैक से संबंधित है. मैं एक व्यक्ति को जानता हूँ. वे बता रहे थे कि उनके बड़े भाई साहब को 8 बजे सुबह सीने में दर्द शुरू हुआ. वे अपने चौथे मंजिल पर स्थित फ्लैट से नीचे उतरे. पीछे- पीछे उनका बेटा भी गया. कोई 300 मीटर बाद वे गिर पड़े और बेहोश हो गए. जबतक उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, वे जा चुके थे. डॉक्टर ने बताया मेजर हार्ट अटैक था. जरा सोचिये क्या बीता होगा उन पर और उनके परिवार पर. कुछ मिनटों में इहलीला समाप्त. आप घर जा रहे है वो भी एकदम अकेले, ऐसे में अचानक से आपके सीने में तेज दर्द होता है जो आपके हाथों से होता हुआ आपके जबड़ो तक पहुँच जाता है. आप अपने घर से सबसे नजदीक अस्पताल से 5 मील दूर है और दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं समझ आ रहा कि आप वहां तक पहुँच पाएंगे कि नहीं. आप सीपीआर (Cardiopulmonary resuscitation) में प्रशिक्षित है मगर वहां भी आपको ये नहीं सिखाया गया कि इसको खुद पर प्रयोग कैसे करे. ऐसे में दिल के दौरे से बचने के लिए ये उपाय आजमाए: चूँकि ज्यादातर लोग दिल के दौरे के वक्त अकेले होते हैं ,बिना किसी की मदद के उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है. वे बेहोश होने लगते है और उनके पास सिर्फ 10 सेकण्ड्स होते हैं. ऐसे हालत में पीड़ित जोर- जोर से खांस कर खुद को सामान्य रख सकता है. एक जोर की सांस लेनी चाहिए, हर खांसी से पहले और खांसी इतनी तेज हो कि छाती से थूक निकले. जब तक मदद न आये ये प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई जाए ताकि धड़कन सामान्य हो जाए. जोर की साँसे फेफड़ो में ऑक्सीजन पैदा करती है और जोर की खांसी की वजह से दिल सिकुड़ता है जिससे रक्त संचालन नियमित रूप से चलता है. जहाँ तक हो सके इस पोस्ट को पढनेवाले हर पाठक इस सन्देश को हरेक तक पहुंचाए. एक ह्रदय के डॉक्टर ने तो यहाँ तक कहा कि अगर हर व्यक्ति यह सन्देश 10 लोगो को भेजे तो एक जान बचायी जा सकती है. आप सबसे निवेदन है कि इसकी जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों को दें ताकि इमरजेंसी के वक़्त इसका प्रयोग किया जा सके

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