Monday 21 September 2015

शैतान को भी भगवान का आदेश मानना पड़ता है

शैतान को भी भगवान का आदेश मानना पड़ता है
एक बार एक अत्यंत गरीब महिला जो ईश्वरीय शक्ति पर बेइंतिहा विश्वास करती थी, एक बार अत्यंत ही विकट स्थिति में आ गई। कई दिनों से खाने के लिए पूरे परिवार को कुछ नहीं मिला। एक दिन उसने रेडियो के माध्यम से ईश्वर को अपना सन्देश भेजा कि वह उसकी मदद करे। यह प्रसारण एक नास्तिक ,घमण्डी और अहंकारी उद्योगपति ने सुना और उसने सोचा कि क्यों न इस महिला के साथ कुछ ऐसा मजाक किया जाये कि उसकी ईश्वर के प्रति आस्था डिग जाय। उसने अपने सेक्रेटरी को कहा कि वह ढेर सारा खाना और महीने भर का राशन उसके घर पर देकर आ जाये और जब वह महिला पूछे किसने भेजा है तो कह देना कि " शैतान" ने भेजा है। जैसे ही महिला के पास सामान पंहुचा पहले तो उसके परिवार ने तृप्त होकर भोजन किया । फिर वह सारा राशन अलमारी में रखने लगी। जब महिला ने पूछा नहीं कि यह सब किसने भेजा है तो सेक्रेटरी से रहा नहीं गया और पूछा , आपको क्या जिज्ञासा नही होती कि यह सब किसने भेजा है। उस महिला ने बेहतरीन जवाब दिया , मैं इतना क्यूँ सोचूँ या पूछूं, मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है, मेरे भगवान जब आदेश देते हैं तो शैतानों को भी उस आदेश का पालन करना पड़ता है !

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