Sunday 20 September 2015

अपने लक्ष्य पर विश्वास क़ायम रखिये

अपने लक्ष्य पर विश्वास क़ायम रखिये
एक बार कुछ scientists ने एक बड़ा ही interesting experiment किया.. उन्होंने 5 बंदरों को एक बड़े से cage में बंद कर दिया और बीचों -बीच एक सीढ़ी लगा दी जिसके ऊपर केले लटक रहे थे.. जैसा की expected था, जैसे ही एक बन्दर की नज़र केलों पर पड़ी वो उन्हें खाने के लिए दौड़ा.. पर जैसे ही उसने कुछ सीढ़ियां चढ़ीं उस पर ठण्डे पानी की तेज धार डाल दी गयी और उसे उतर कर भागना पड़ा.. पर experimenters यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक बन्दर के किये गए की सजा बाकी बंदरों को भी दे डाली और सभी को ठन्डे पानी से भिगो दिया.. बेचारे बन्दर हक्के-बक्के एक कोने में दुबक कर बैठ गए.. पर वे कब तक बैठे रहते, कुछ समय बाद एक दूसरे बन्दर को केले खाने का मन किया.. और वो उछलता कूदता सीढ़ी की तरफ दौड़ा.. अभी उसने चढ़ना शुरू ही किया था कि पानी की तेज धार से उसे नीचे गिरा दिया गया.. और इस बार भी इस बन्दर के गुस्ताखी की सज़ा बाकी बंदरों को भी दी गयी.. एक बार फिर बेचारे बन्दर सहमे हुए एक जगह बैठ गए... थोड़ी देर बाद जब तीसरा बन्दर केलों के लिए लपका तो एक अजीब वाक्य हुआ.. बाकी के बन्दर उस पर टूट पड़े और उसे केले खाने से रोक दिया, ताकि एक बार फिर उन्हें ठन्डे पानी की सज़ा ना भुगतनी पड़े.. अब experimenters ने एक और interesting चीज़ की.. अंदर बंद बंदरों में से एक को बाहर निकाल दिया और एक नया बन्दर अंदर डाल दिया.. नया बन्दर वहां के rules क्या जाने.. वो तुरंत ही केलों की तरफ लपका.. पर बाकी बंदरों ने झट से उसकी पिटाई कर दी.. उसे समझ नहीं आया कि आख़िर क्यों ये बन्दर ख़ुद भी केले नहीं खा रहे और उसे भी नहीं खाने दे रहे.. ख़ैर उसे भी समझ आ गया कि केले सिर्फ देखने के लिए हैं खाने के लिए नहीं.. इसके बाद experimenters ने एक और पुराने बन्दर को निकाला और नया अंदर कर दिया.. इस बार भी वही हुआ नया बन्दर केलों की तरफ लपका पर बाकी के बंदरों ने उसकी धुनाई कर दी और मज़ेदार बात ये है कि पिछली बार आया नया बन्दर भी धुनाई करने में शामिल था.. जबकि उसके ऊपर एक बार भी ठंडा पानी नहीं डाला गया था! experiment के अंत में सभी पुराने बन्दर बाहर जा चुके थे और नए बन्दर अंदर थे जिनके ऊपर एक बार भी ठंडा पानी नहीं डाला गया था.. पर उनका behaviour भी पुराने बंदरों की तरह ही था.. वे भी किसी नए बन्दर को केलों को नहीं छूने देते.. Friends, हमारी society में भी ये behaviour देखा जा सकता है.. जब भी कोई नया काम शुरू करने की कोशिश करता है, चाहे वो पढ़ाई , खेल , एंटरटेनमेंट, business, राजनीती, समाजसेवा या किसी और field से related हो, उसके आस पास के लोग उसे ऐसा करने से रोकते हैं.. उसे failure का डर दिखाया जाता है.. और interesting बात ये है कि उसे रोकने वाले maximum log वो होते हैं जिन्होंने ख़ुद उस field में कभी हाथ भी नहीं आज़माया होता.. इसलिए यदि आप भी कुछ नया करने की सोच रहे हैं और आपको भी समाज या आस पास के लोगों का opposition face करना पड़ रहा है तो थोड़ा संभल कर रहिये.. अपने logic और guts की सुनिए..ख़ुद पर और अपने लक्ष्य पर विश्वास क़ायम रखिये...और बढ़ते रहिये |

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