Thursday 17 September 2015

राजा ब्रूश और मकड़ी

राजा ब्रूश और मकड़ी राजा ब्रूश एक शांति प्रिय राजा थे| उनके राज्य में चारों तरफ शांति और समृधि थी| लोग राजा से बहुत प्रशन्न थे| राजा भी प्रजा का बहुत ख्याल रखते थे| एक बार पडोसी राज्य के राजा ने उनके राज्य पर अचानक हमला कर दिया| राजा ब्रूश इस के लिए तैयार नहीं थे| लड़ाई में राजा ब्रूश की हार हो गयी किसी तरह से अपनी जान बचाकर राजा ब्रूश जंगल में जाकर एक गुफा में छिप गए| जब राजा ब्रूश गुफा में बैठे थे तो एक मकड़ी ने उन का ध्यान अपनी ओर खीचा| मकड़ी ऊपर दीवाल पर चढ़ रही थी,पर बार बार नीचे गिर जाती थी| हर बार मकड़ी कुछ ऊपर जाकर नीचे गिर जाती थी| लेकिन मकड़ी ने हार नहीं मानी| ५-६ बार नीचे गिरी और ५-६ बार दुबारा ऊपर चड़ी| आंखिर में मकड़ी ऊपर चड़ने में कामयाब होगई| राजा ब्रूश ने सोचा कि अगर एक मकड़ी बार बार कोशिस करने से सफल हो सकती है तो में भी बार बार कोशिस करने पर सफल हो सकता हूँ| मुझे हिम्मत नहीं हारनी चाहिए| राजा ब्रूश ने हिम्मत कर के अपनी सेना को दुबारा से एकत्र किया| कुछ समय बाद राजा ब्रूश ने अपने दुश्मन पर धावा बोल दिया और राजा ब्रूश की इस बार जीत हुई| राजा ब्रूश को अपना खोया हुआ राज्य फिर से मिल गाया| राजा ब्रूश फिर से पहले की तरह अपना राज काज चलाने लग गए| शिक्षा: बार बार कोशिस करने पर कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है|

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